पटना जू में कोलकाता से आई मादा जेबरा रहेगी छोटू के साथ; बदले में दिया गया बाघ
बाघ के बदले मिला पटना जू को मिला है मादा जेबरा। केज में छूटते ही दौडऩे लगी। अभी छोटू से रखा गया अलग। मादा जेबरा के बदले में कोलकाता जू को दिया गया है ...और पढ़ें

पटना, जेएनएन। पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान प्रशासन (Patna Zoo) की साढ़े सात साल की तलाश पूरी हो गई। आखिरकार उसे मादा जेबरा मिल गई। इसी के साथ 10 वर्षीय छोटू नामक जेबरे को उसका साथी मिल गया। कोलकाता चिडिय़ाघर से गुरुवार की शाम मादा जेबरा को यहां लाया गया। उसके आने के बाद कोलकाता चिडिय़ाघर में जेबराें की संख्या 10 रह गई, जबकि पटना जू में एक जोड़ा जेबरा हो गया।
कोलकाता से पटना लाई गई मादा जेबरा केज में छूटते ही स्वछंद होकर दौडऩे लगी। अब वह छोटू नामक जेबरा के साथ रहेगी। फिलहाल अलग-अलग केज में दोनों को पटना जू में रखा गया है। उद्यान निदेशक अमित कुमार व रेंज ऑफिसर आनंद कुमार ने बताया कि जेबरा उपलब्धता वाले देशों के सभी चिडिय़ाघरों से इसके लिए गुहार लगाई गई थी। बाद में मजबूरी में कोलकाता जू को नर बाघ देकर मादा जेबरा लेने की विवशता बनी। अब जेबरा का जोड़ा लग गया है। प्रजनन कराकर उसकी संख्या में वृद्धि कराई जाएगी।
कोलकाता की तर्ज पर समूह में जेबराें को रखा जाएगा। अभी हमारी प्राथमिकता प्रजनन बढ़ाना है। छोटू के जन्म के पहले उसके पिता वशिष्ठ की मृत्यु हो गई थी तथा मां सुब्बी की भी मौत जन्म के चार वर्ष के बाद हो गई थी। जेबरा में प्राकृतिक रूप से रहने की अद्भुत क्षमता है। यह घोड़े की प्रजाति का होता है।

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