गोपालगंज में 'ड्रैगन फ्रूट' की खेती कर खुशहाल होंगे किसान, ऊंची कीमत पर बिकता है ये पौष्टिक फल
Dragon Fruit Farming विदेशी फल ड्रैगन फ्रूट की खेती अब बिहार में भी होगी। इसकी शुरुआत गोपालगंज जिले में हो चुकी है। थावे प्रखंड में इसकी खेती का प्रयोग शुरू किया गया है। यह फल काफी पोषक होता है।
थावे (गोपालगंज), संवाद सूत्र। बिहार में भी पोषक फल 'ड्रैगन फ्रूट' की खेती जोर पकड़ेगी। इस खास फल की खेती से किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे तो देश में कम कीमत पर यह फल उपलब्ध हो सकेगा। फिलहाल इस खास फल की कीमत अपने देश में काफी अधिक है। उपज बढ़ने पर यह आम लोगों की पहुंच में भी आएगा। गोपालगंज जिले के थावे में इसकी खेती की प्रायोगिक शुरुआत की जा रही है। गोपालगंज जिले में पहली बार थावे प्रखंड की बरारी जगदीश पंचायत में ड्रैगन फ्रूट की खेती होगी। इसके लिए ट्रायल किया जाएगा। आपको बता दें कि यह फल अमेरिका सहित कई देशों में उपजाया जाता है। भारत में इसकी खेती 1990 से शुरू हुई।
ट्रायल के तौर पर लगाए जाएंगे 50 पौधे
कृषि समन्यक राकेश मिश्रा ने बताया कि बरारी जगदीश गांव के किसान योगेन्द्र सिंह का ड्रैगन फ्रूट खेती के लिए चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि किसान योगेन्द्र सिंह को सहायक तकनीकी प्रबंधक अनुप रंजन एवं विपिन कुमार राम के द्वारा 50 ड्रैगन फ्रूट के पौधे ट्रायल के रूप में दिए गए। उन्होंने बताया कि चार पौधा एक साथ दस-दस सेंटीमीटर की दूरी पर चारों दिशाओं में लगाया जाएगा। इसके बाद तीन मीटर की दूरी पर पुन: एक साथ चार पौधा दस-दस सेंटीमीटर की दूरी पर चारों दिशा में लगाया जाएगा।
- थावे प्रखंड में होगी ड्रैगन फ्रूट की खेती
- बरारी जगदीश पंचायत में ड्रैगन फ्रूट की खेती का होगा ट्रायल
- किसान योगेन्द्र ङ्क्षसह को ट्रायल के लिए दिए गए 40 पौधे
तीन वर्ष के बाद फल देने लगेंगे ये पौधे
पौधा लगाने के तीन वर्ष के बाद यह फल देने लगेगा। यह फल आयरन से युक्त व पौष्टिक होगा। इसके साथ ही नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जल-जीवन-हरियाली, जैविक खेती, मौसम अनुकूल खेती, मृदा पोषण अभियान जैसी कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तृत जानकारी किसानों को दी गई। मौके पर युगल किशोर सिंह, केदार सिंह, हरेन्द्र चौधरी सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।