बिहार में गाड़ियों में लगी 23 करोड़ की फैंसी नंबर प्लेट, जानें किस नंबर के लिए कितना करना होगा खर्च
फैंसी नंबर लेने में पटना वाले सबसे आगे हैं। एक साल में पटना जिले में पांच हजार 709 लोगों ने अपने वाहनों के लिए फैंसी नंबर प्लेट लगाई। बिहार में साढ़े 14 हजार गाड़ियों में 23.91 करोड़ से फैंसी नंबर प्लेट लगाई गई है। आप भी जान लें कितना पैसा करना होता है खर्च।

राज्य ब्यूरो, पटना। अपनी गाड़ियों में 001, 007, 9999 जैसे फैंसी नंबर प्लेट के लिए लोग मोटी राशि खर्च कर रहे हैं। राज्य में पिछले एक साल में (एक अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 के बीच) 14 हजार 721 वाहन मालिकों ने फैंसी नंबर प्लेट लगाई, जिससे 23 करोड़ 91 लाख रुपये की आय विभाग को हुई।
पटना सबसे आगे, शिवर पीछे
परिवहन विभाग के अनुसार, फैंसी नंबर लेने में राजधानी पटना के लोग सबसे आगे हैं, जबकि शिवहर और अरवल में ऐसे लोगों की संख्या सबसे कम है। पिछले एक साल में पटना जिले में पांच हजार 709 लोगों ने अपने वाहनों के लिए फैंसी नंबर प्लेट लगाई।
मुजफ्फरपुर में एक करोड़ 88 लाख खर्च
इसके लिए सरकार को नौ करोड़ 47 लाख रुपये जमा कराए गए। पटना के बाद सबसे ज्यादा मुजफ्फरपुर जिले से एक हजार 230 वाहन मालिकों ने फैंसी नंबर के लिए करीब एक करोड़ 88 लाख रुपये खर्च किए। इसके बाद तीसरे स्थान पर गया के 921 वाहन मालिकों ने एक करोड़ 35 लाख रुपये, पूर्णिया के 627 वाहन मालिकों ने करीब एक करोड़ 15 लाख रुपये अदा कर फैंसी नंबर प्लेट लिया है। वहीं, सबसे कम शिवहर जिले से सिर्फ 10 वाहन मालिकों ने ढाई लाख रुपये और अरवल जिले से 12 वाहनों के मालिक ने करीब दो लाख रुपये फैंसी नंबर प्लेट पर खर्च किए हैं।
लकी मानते हैं मनचाही नंबर प्लेट
परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पोर्टल पर फैंसी नंबर प्लेट लेने की आनलाइन सुविधा दी जा रही है। पहले यह सुविधा नहीं थी, लेकिन अब लोग विभाग की तरफ से निर्धारित राशि का भुगतान कर अपनी गाड़ियों के लिए मनपसंद नंबर ले सकते हैं। कुछ लोग अपना लकी नंबर के आधार पर भी फैंसी नंबर लेते हैं, जिससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलता है। वाहन मालिक vahan.parivahan.gov.in/fancy पोर्टल पर जाकर फैंसी नंबर प्लेट के लिए आवेदन कर सकते हैं।
समूह ए के नंबरों की कीमत एक लाख रुपये तक
पसंदीदा नंबर प्लेट चुनने के लिए वाहन मालिकों को विशेष शुल्क देना पड़ता है। इसके तहत नंबर प्लेट को पांच (ए, बी, सी, डी और ई) समूहों में बांटकर प्रत्येक समूह के लिए विशेष शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें ए समूह के सुरक्षित नंबर 0001, 0003, 0005, 0007, 0009 के लिए गैर- परिवहन गाड़ियों से एक लाख रुपये और और परिवहन गाड़ियों के लिए 35 हजार रुपये शुल्क निर्धारित है।
ई-नीलामी की भी व्यवस्था
इसके लिए ई-नीलामी की व्यवस्था भी है। अगर किसी एक सिंगल डिजिट नंबर प्लेट जैसे- 0001, 9999 नंबरों को लेने के लिए एक से अधिक लोग इच्छा जाहिर करते हैं, तो इसके लिए बोली लगती है। इसमें सबसे अधिक राशि की बोली लगाने वाले वाहन मालिक को पसंदीदा नंबर दे दिया जाता है। इसके विपरीत चालू सिरीज में मनपसंद फैंसी नंबर ‘पहले आओ पहले पाओ’ के आधार पर आनलाईन माध्यम से निर्धारित शुल्क जमा करने पर आवंटित किया जाता है।
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