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    Bihar Crime: पटना अपराधियों की फैमिली गैंग, कहीं बाप-बेटा तो कहीं पति-पत्‍नी, पढ़ि‍ए इनकी कहानी

    By Ashish KumarEdited By: Vyas Chandra
    Updated: Wed, 23 Nov 2022 03:50 PM (IST)

    मनोज-माणिक डाक्टर-इंजीनियर से लेकर दंपती गैंग को उजागर कर चुकी है पटना पुलिस। मनोज को छोड़ कई जेल में बंद तो कई आपस में लड़कर हो गए ढेर। अब भी राजधानी में कई गिरोह की सक्रियता कायम है।

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    पारिवारिक गैंग चलाते हैं राजधानी के कई अपराधी। सांकेतिक तस्‍वीर

    पटना, जागरण संवाददाता। पटना के बाढ़ कोर्ट से फरार कुख्यात भाइयों के गैंग में से दो के यूपी में एनकाउंटर की घटना अपनी ठंडी नहीं पड़ी है। यह कोई अकेला गैंग नहीं था जिसे भाई चला रहे थे। कई ऐसे गैंग हैं जिनका संचालन परिवार के लोग करते हैं। यह एक तरह से पारिवारिक गैंग हैं। कहीं बाप-बेटा तो कहीं बाप-बेटे और भाई मिलकर अपराध की बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इनमें परिवार की महिलाओं की संलिप्‍तता भी रहती है। मुठभेड़ में ढेर तीन में से दो भाइयों की तरह  पांच भाइयों का पांडव गिरोह भी एक दौर में यहां सक्रिय रहा। लूट और डकैती की वारदात को अंजाम देने वाला बेतिया के परिवार गैंग के कई सदस्‍य बेउर जेल में बंद है।

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    बाप लेता था सुपारी, बेटा ठोक देता

    तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज ने वर्ष 2016 में नौबतपुर के मनोज और उसके बेटे माणिक के गैंग का पर्दाफाश किया। तब कुख्यात मनोज की तलाश पुलिस को 12 वर्षों से थी। मनोज गैंग का नेटवर्क बिहार से लेकर झारखंड तक फैला था। उसी समय माणिक का नाम उजागर हुआ था, जो तब तीन साल से गिरोह में सक्रिय हुआ था। मनोज सुपारी लेता था और माणिक वारदात को अंजाम देता था। बिहार और झारखंड तक व्यापारियों से रंगदारी मांगने के साथ ही हत्या के कई मामले इनपर दर्ज हुए। फिलहाल माणिक हत्या के मामले में जेल में बंद है।

    गैंग को लीड करता था बुजुर्ग, भाई डालते थे डाका

    अगस्त 2022 पुलिस ने एक ऐसे गिरोह के आठ बदमाशों को गिरफ्तार किया है, जिसमें बाप-बेटा से लेकर परिवार और रिश्तेदार भी शामिल हैं। डाक्टर-इंजीनियर के नाम पर बनाए गए गिरोह का सरगना 72 साल का बुजुर्ग है। यह गैंग पिछले 25 सालों से बिहार, झारखंड से लेकर यूपी के कई जिलों में चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है। कार में मरीज बनकर घूमने वाले इस गिरोह के निशाने पर ज्वेलरी की दुकानें होती थी। इनकी पहचान बेतिया निवासी सिकंदर मियां उर्फ डाक्टर साहब, पुत्र अली अहमद उर्फ इंजीनियर, मो. शाहरूख उर्फ डब्लू, नासीर खान, बदरुल ईमान, बेतिया के नगर थाना निवासी मो. फिरदौस के रूप में हुई थी।

    चोरी व छिनैती को बिजनेस बना लिए थे दंपति

    दिसंबर 2015 राजीव नगर थाना क्षेत्र के रामनगरी मोड़ पर बाइक पर सवार महिला ने एक निजी कंपनी कर्मी के गले से सोने की चेन छीन ली। कर्मी की सूचना पर पुलिस ने बाइक सवार पुरुष व पीछे बैठी आरोपी महिला काे खदेड़कर दबोच लिया। हैरानी तब हुई, जब दोनों दंपती निकले। पता चला कि गिरोह में कई रिश्तेदार शामिल हैं, जो शहर चोरी और लूटपाट की वारदातों को अंजाम देते हैं। वे किराए पर घर लेकर रहते हैं। आरोपित धनंजय गिरी और पत्‍नी पूजा पश्चिमी चंपारण के रहने वाले थे, जो दर्जन भर से अधिक चेन छिनतई कर चुके थे और दोनों पुलिस के लिए चुनौती बने हुए थे।

    दो सगे भाई ही निकले हथियार तस्कर

    जून 2022 में टाउन थान क्षेत्र के नाजि‍रगंज मोहल्ला में पुलिस ने छापेमारी कर अवैध हथियार तस्करी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने तस्कर गिरोह से जुड़े दो भाइयों को गिरफ्तार किया था।। साथ ही अवैध हथियारों की खेप बरामद करने में सफलता मिली थी। दोनों की पहचान नाजीरगंज निवासी मो.आसिफ कुरैशी एवं मो.तालिब कुरैशी के रुप में हुई थी। इसमें मो. आसिफ पहले से आर्म्स तस्करी में दागी रहा है।