मतदान से मतगणना तक: वज्रगृह में सुरक्षित रखी गईं EVM मशीनें, प्रत्याशी भी कर सकेंगे निगरानी
पटना जिले के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों के ईवीएम को एएन कॉलेज के वज्रगृह में सुरक्षित रखा गया है। केंद्रीय सुरक्षा बलों की निगरानी में, प्रत्याशियों के प्रतिनिधियों के लिए भी निगरानी की व्यवस्था है। 14 नवंबर को होने वाली मतगणना के लिए निष्पक्षता सुनिश्चित करने हेतु सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। प्रत्याशियों के लिए वज्रगृह में ठहरने और आवश्यक सुविधाओं का प्रबंध किया गया है।

मतदान संपन्न होते ही एएन कॉलेज स्थित स्ट्रांग रूम में ईवीएम लेकर पहुंचे मतदानकर्मी। l जागरण
जागरण संवाददाता, पटना। जिले की सभी 14 विधानसभा सीटों पर मतदान के बाद गुरुवार की आधी रात के बाद तक सभी 5677 ईवीएम बोरिंग के एएन कॉलेज स्थित वज्रगृह पहुंचती रहीं। केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल, पुलिस व निर्वाची पदाधिकारियों, प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों की देखरेख में पीठासीन पदाधिकारी इन्हें विधानसभावार निश्चित बूथ पर जमा कराते रहे।
मतगणना 14 नवंबर शुक्रवार को होनी है। ऐसे में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए वज्रगृह की निगरानी की पुख्ता व्यवस्था की गई।
ईवीएम जमा करने की पूरी प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी। कोई भी अवांछित व्यक्ति वज्रगृह में प्रवेश नहीं कर सके इसलिए सभी लोगों का पहचान पत्र जांचने के बाद ही अंदर आने की अनुमति दी जा रही है।
अंदर केंद्रीय सशस्त्र सुरक्षा बल के जवान अत्याधुनिक हथियारों के साथ तैनात किए गए हैं तो बाहर की जिम्मेदारी प्रदेश पुलिस की होगी।
निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए डीएम ने सात दिन प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों के बैठने की व्यवस्था उस काउंटर के सामने की हैं, जहां उस विधानसभा सीट की ईवीएम रखी जाएंगी।
यह जानकारी गुरुवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम डा. त्यागराजन एसएम व एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने दी। डीएम ने बताया कि सभी पोल्ड ईवीएम संबंधित विधानसभा क्षेत्रों से निर्धारित प्रोटोकाल के तहत एस्कार्ट दल की मौजूदगी में वज्रगृह तक पहुंचाई जा रही हैं।
वज्रगृह के बाहर से लेकर अंदर तक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी लाइव मानिटरिंग नियंत्रण कक्ष से की जा रही है। मशीनों की हर हलचल कैमरे की निगाह में रहे, इसके लिए चौबीसों घंटे रिकार्डिंग की व्यवस्था की गई है।
वज्रगृह के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है ताकि अनधिकृत व्यक्तियों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहे। किसी भी कर्मचारी या प्रत्याशी प्रतिनिधि के प्रवेश से पहले पहचान पत्र की सघन जांच की जाएगी।
डीएम ने बताया कि प्रत्याशियों या उनके अधिकृत प्रतिनिधियों को वज्रगृह में उक्त विधानसभा के काउंटर के सामने सात दिन, 24 घंटे तक ठहरने, बैठने की आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।
उनके लिए शौचालय, पेयजल, भोजन व विश्राम की सुविधा भी मुहैया कराई गई है ताकि वे किसी भी समय ईवीएम की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त रह सकें।
सूत्रों के अनुसार, परिणामों की गणना शुरू होने से पूर्व सभी सीसीटीवी फुटेज का मिलान किया जाएगा, ताकि किसी भी तरह की शंका की गुंजाइश नहीं रहे।
पल-पल की रिपोर्ट ले रहे थे पार्टी और नेता
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को पटना जिले की 14 विधानसभा सीटों पर मतदान समाप्त होने के साथ ही 149 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई।
दिनभर चले मतदान के बाद शाम को जैसे ही अंतिम उम्मीदवार ने बटन दबाया, प्रत्याशियों के चेहरों पर उत्सुकता और उम्मीद की झलक दिखाई दी। सुबह से ही पूरे जिले में चुनावी हलचल चरम पर थी।
उम्मीदवारों के घरों और पार्टी कार्यालयों में माहौल कंट्रोल रूम जैसा बना हुआ था। प्रत्याशी अपने-अपने पोलिंग एजेंटों से पल-पल की रिपोर्ट ले रहे थे - कहां कितनी वोटिंग हुई, किस बूथ पर समर्थकों की भीड़ है, कहां मतदान धीमा चल रहा है, मोबाइल और वाकी-टाकी से लगातार जानकारी ली जा रही थी।
कुम्हरार, पटना साहिब, दानापुर, मनेर, फतुहा, मसौढ़ी, मोकामा, बाढ़, बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, फुलवारी, बिक्रम और पालीगंज जैसी सीटों पर सुबह से शाम तक मतदान को लेकर राजनीतिक दलों के दफ्तरों में व्यस्तता दिखाई दी।
कई प्रत्याशी खुद वाहनों से बूथों का जायजा लेने पहुंचे , तो कई नेताओं ने अपने प्रतिनिधियों को भेजकर स्थिति की जानकारी ली।
समर्थक आपस में संभावित वोट प्रतिशत और बूथवार समीकरणों पर माथापच्ची करने लगे। वहीं प्रत्याशी और उनके परिजन परिणाम को लेकर मंथन में जुट गए।

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