Sand Mining In Bihar: इन 19 जिलों में 50 बालू घाटों का संचालन बाधित, IAS नैय्यर इकबाल ने अधिकारियों को दिए सख्त आदेश
खान एवं भू-तत्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 19 जिलों में जिन बालू घाट से खनन बाधित है उन्हें पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है। बावजूद खनन का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। नैय्यर इकबाल ने यह जानकारी मिलने के बाद संबंधित जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे आवश्यक कदम उठाए और जिन घाटों पर खनन बाधित है वहां तत्काल खनन का काम प्रारंभ कराएं।
राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश में बालू के खनन में रफ्तार लाने की कोशिशें लगातार हो रही हैं। बावजूद जिस रफ्तार में नदियों से खनन होना चाहिए हो नहीं रहा। पिछले वर्ष सितंबर-अक्टूबर में प्रारंभ हुई घाट बंदोबस्ती अब तक जारी है।
हाल ही में विभाग के संज्ञान में यह बात आई है कि 19 जिलों में करीब 50 बालू घाटों का संचालन जिला स्तर पर लंबित है। जिसे विभाग ने गंभीरता से लेते हुए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं।
19 जिलों में खनन बाधित
खान एवं भू-तत्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 19 जिलों में जिन बालू घाट से खनन बाधित है उन्हें पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है। बावजूद खनन का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। विभाग के निदेश नैय्यर इकबाल ने यह जानकारी मिलने के बाद संबंधित जिलों के खनिज विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे आवश्यक कदम उठाए और जिन घाटों पर खनन बाधित है वहां तत्काल खनन का काम प्रारंभ कराएं।
सूत्रों की माने तो जमुई जिले में खनन का सर्वाधिक काम बाधित है। जमुई में 15 घाट से खनन की अनुमति मिलने के बाद भी यहां काम शुरू नहीं हुआ है।
इसी प्रकार भोजपुर, नालंदा में पांच-पांच, सारण और रोहतास में तीन-तीन, लखीसराय, नवादा और औरंगाबाद में दो-दो जबकि पटना किे अलावा कैमूर, सीतामढ़ी, मधुबनी, भागलपुर, शिवहर, सहरसा, जहानाबाद, मोतिहारी और दरभंगा में एक बालू घाट शामिल हैं।
बता दें कि अब तक 35 जिलों में 276 घाट नीलाम हो चुके हैं। 264 में बालू खनन का आदेश भी हो गया है। बावजूद खनन सिर्फ 92 घाटों से ही हो रहा है।
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