बिहार में MLA की खरीद-फरोख्त मामले में विधायकों और बॉडीगार्ड्स के बयानों में अंतर, EOU फिर करेगी पूछताछ
नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान विधायकों को प्रलोभन देने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच जारी है। भाजपा और जदयू विधायकों सहित कई से पूछताछ की गई है और उनके बयानों में विरोधाभास पाया गया है। कई विधायकों के मोबाइल फोन बंद थे जिससे संदेह और बढ़ गया है। जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसकी जांच चल रही है।

राज्य ब्यूरो, पटना। पिछले साल फरवरी में नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान विधायकों को प्रलोभन दिए जाने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच तेज हो गई है।
सोमवार को इस मामले में रामनगर की भाजपा विधायक भागीरथी देवी से पूछताछ की गई तो बुधवार को सुरसंड से जदयू विधायक दिलीप राय से ईओयू ने पूछताछ की।
इसके पूर्व भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव, परबत्ता विधायक डॉ. संजीव, पूर्व विधायक बीमा भारती से भी पूछताछ की जा चुकी है। इसके अलावा विधायकों के अंगरक्षकों से भी अलग पूछताछ हुई है।
सूत्रों के अनुसार, अब तक हुई पूछताछ में विधायकों और उनके अंगरक्षकों के बयान में विरोधाभास पाया गया है। विश्वासमत के दौरान कई विधायकों के द्वारा क्रियाकलाप और लोकेशन आदि की जानकारी और अंगरक्षकों के दिए बयान में अंतर मिला है।
कई विधायकों के मोबाइल फोन थे ऑफ
इस दौरान कई विधायकों के मोबाइल फोन भी ऑफ पाए गए थे। उनके फोन ऑफ क्यों थे और वह बिना अंगरक्षक के कहां और क्यों गए थे, इन सारे सवालों के स्पष्ट जवाब ईओयू को नहीं मिल पाए हैं।
अभी कई अंगरक्षकों के बयान दर्ज होने बाकी है। सूत्रों के अनुसार, अंगरक्षकों के बयान दर्ज होने के बाद संभव है कि कुछ विधायकों को दोबारा पूछताछ के लिए फिर से बुलाया जाएगा। इस मामले में मुख्य अभियुक्त इंजीनियर सुनील से भी दो बार पूछताछ की जा चुकी है।
मालूम हो कि मधुबनी के हरलाखी से जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने इस मामले में फरवरी 2024 में पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें जदयू विधायक ने महागठबंधन के पाले में आने के लिए प्रलोभन दिए जाने का आरोप लगाया था।
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