Bihar News: विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान आ रही है समस्या, मतदाता जानें एसआइआर की चार प्रमुख बातें
निर्वाचन आयोग मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण कर रहा है जिसका उद्देश्य त्रुटि रहित मतदाता सूची बनाना है। इसके लिए नागरिकों से सहयोग मांगा गया है। 7.69 करोड़ मतदाताओं को गणना प्रपत्र वितरित किए गए हैं। वृद्ध बीमार और दिव्यांग मतदाताओं को सहायता प्रदान की जा रही है। मतदाता बनने के लिए संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार पात्रता निर्धारित है।

राज्य ब्यूरो, पटना। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से समस्या के समाधान की पूरी व्यवस्था की गई है।
आयोग का स्पष्ट कहना है कि एसआइआर का उद्देश्य मात्र नाम जोड़ना-काटना नहीं, बल्कि मतदाता-सूची को शत प्रतिशत शुद्ध करना है।
इससे चुनाव और मतदान की प्रक्रिया पारदर्शी होगी। इसमें नागरिकों से सहयोग और मतदाताओं से चैतन्य होने की अपेक्षा की गई है। बहरहाल, एसआइआर के चार प्रमुख स्तंभों से अवगत होना आवश्यक है।
1.एसआइआर सर्वसमावेशी है-
24 जून तक बिहार के 7,89,69,844 मतदाताओं तक पहुंचकर पूर्व-भरे गए गणना प्रपत्र (जिसमें मतदाता का नाम, पता और पुराना फोटो आदि सम्मिलित है) प्रत्येक पंजीकृत मतदाता तक उपलब्ध कराए गए हैं।
अब तक 7.69 करोड़ मतदाताओं को प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं, जो कुल मतदाताओं का 97.42 प्रतिशत है। बीएलओ हर घर में कम-से-कम तीन बार जाकर भरे हुए गणना प्रपत्र एकत्र कर रहे हैं, ताकि कोई भी मतदाता छूट न जाए।
पहली बार का दौरा पूरा हो गया है और दूसरी बार का दौरा प्रगति पर है। इस प्रक्रिया में कई मतदाता मृत, स्थानांतरित या प्रवासित पाए गए हैं।
2.दस्तावेज प्रस्तुत करने का अवसर-
जिन लोगों ने गणना प्रपत्र भरे हैं, उनके नाम 01 अगस्त को प्रकाशित प्रारूप निर्वाचक नामावली में जोड़े जाएंगे। जिन मतदाताओं के गणना प्रपत्र 25 जुलाई तक प्राप्त हो जाएंगे, उन्हें प्रारूप निर्वाचक नामावली में सम्मिलित किए जाएंगे।
सीईओ, डीईओ, ईआरओ व बीएलओ यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि विशेष रूप से वृद्ध, बीमार, दिव्यांग, गरीब और अन्य कमजोर वर्गों के वास्तविक मतदाताओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो और उन्हें स्वयं सेवकों की सहायता से आवश्यक सहयोग मिले।
पात्रता से संबंधित दस्तावेज दावा-आपत्ति अवधि के दौरान (01 सितंबर, 2025 तक) अलग से भी प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
3.मतदाता के लिए पात्रता-
मतदाता की पात्रता संविधान के अनुच्छेद 326 तथा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 16 और 19 के अनुसार तय होती है।
वह भारत का नागरिक हो, अर्हता तिथि को 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका हो, संबंधित विधानसभा क्षेत्र में सामान्यतः निवास करता हो और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अयोग्य घोषित न हो।
4.असंतुष्टि पर अपील का अवसर
नाम हटाने की प्रक्रिया केवल जांच और ईआरओ के मौखिक आदेशों के बाद ही संभव है, जो अपील योग्य हैं।प्रारूप नामावली के प्रकाशन के बाद, ईआरओ सभी प्रस्तावित मतदाताओं की पात्रता की जांच दस्तावेजों और फील्ड रिपोर्ट के आधार पर करेंगे।
यदि किसी मतदाता की पात्रता पर संदेह हो, जिसका नाम प्रारूप निर्वाचक सूची में आ गया हो तो ईआरओ/एईआरओ ऐसे निर्वाचकों को नोटिस जारी करने के बाद ही स्पष्ट मौखिक आदेश पारित करेंगे।
यदि कोई व्यक्ति ईआरओ के निर्णय से असंतुष्ट है, तो वह जिलाधिकारी के समक्ष प्रथम अपील और सीईओ के समक्ष द्वितीय अपील कर सकता है। यह प्रक्रिया जनप्रतिनिधित्व अधिनियम-1950 की धारा-24 के अनुसार होगी।
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