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    Bihar Election 2025: आदर्श आचार संहिता लगने पर किन-किन चीजों पर लग जाती है पाबंदी? ध्यान से पढ़ लें एक-एक बात

    Updated: Sun, 28 Sep 2025 05:30 AM (IST)

    पटना में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। निर्वाचन आयोग की टीम निरीक्षण करेगी और आचार संहिता जल्द लागू हो सकती है। जिला प्रशासन निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है मतदाताओं को जागरूक कर रहा है और आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, पटना। गहन पुनरीक्षण के बाद अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होनी है। तीन तक दशहरा पर्व की गहमागहमी रहेगी।

    इस बीच केंद्रीय निर्वाचन आयोग की टीम प्रदेश आकर तैयारियों का जायजा लेगी और उनकी रिपोर्ट के आधार पांच के बाद कभी भी प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर आचार संहिता लागू की जा सकती है।

    इधर, स्वच्छ-निष्पक्ष विधानसभा चुनाव कराने के लिए जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम व एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने विधि व्यवस्था संधारण, आदर्श आचार संहिता अनुपालन, चुनाव खर्च निगरानी समेत विभिन्न जरूरी बिंदुओं की समीक्षा की।

    इसमें अधिकारियों को जिले के उन क्षेत्रों को चिह्नित करने का निर्देश दिया गया, जहां धन या बल से मतदाताओं को प्रभावित किया जा सकता है। अधिकारियों को ऐसे मतदाताओं को भी चिह्नित कर निर्भीक मतदान के लिए प्रेरित करने को कहा गया है जो आसानी से धन या बल से प्रभावित हो सकते हैं।

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    इन संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष मतदाता जागरूकता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। मतदाताओं को उनके एक मत का महत्व बता स्वतंत्र व निर्भीक होकर वोट करने के लिए नॉक टू डोर कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

    वोटर हेल्पलाइन 1950 पर हर तरह की सहायता उपलब्ध 

      डीएम व एसएसपी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्वच्छ निष्पक्ष चुनाव को जरूरी है कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नियमों व नैतिक मानकों का पूर्णतय: अनुपालन कराया जाए। इसके लिए आपराधिक प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों के पूर्व इतिहास को देखते हुए विधिसम्मत कार्रवाई जल्द सुनिश्चित की जाए।

    इसके अलावा उत्कृष्ट व प्रभावी बूथ-लेवल कम्युनिकेशन की याेजना बनाने, चुनाव खर्च की सख्त निगरानी, वल्नरेबल हैमलेट व वल्नरेबल निर्वाचक यानी आसानी से बाहरी प्रभाव या दबाव में आने वाले या जिन मतदाताओं को विशेष सुरक्षा-सहायता की जरूरत हो सकती है, उनकी पहचान करने, भेद्य यानी कमजोर मतदाताओं में आत्मविश्वास जगाने के लिए विशेष अभियान चलाने को कहा गया है।

    इसके अलावा जिला चुनाव प्रबंधन व बूथ प्रबंधन योजना के सफल क्रियान्वयन को गठित सभी 21 कोषांगों के बीच बेहतर समन्वय पर जोर दिया गया।

    डीएम ने कहा कि मतदाताओं की सहायता के लिए वोटर हेल्पलाइन नंबर 1950 चालू है, उस पर फोन कर निर्वाचकों हर प्रकार की सहायता प्राप्त कर सकते हैं। मतदाताओं को जागरूक व चुनाव प्रक्रिया सुचारू हो इसके लिए बूथ पर मतदाताओं व अधिकारियों के बीच बेहतर संवाद व सूचना व्यवस्था बनाने को कहा गया है।

    बिहार विधानसभा चुनावों के संदर्भ में आदर्श आचार संहिता के मुख्य नियम इस प्रकार हैं

    • सरकार द्वारा चुनाव से पहले और दौरान कोई लोकलुभावन घोषणाएं न करें जो चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकें।
    • चुनावी प्रचार के दौरान सरकारी मशीनरी, जैसे सरकारी वाहन, भवन आदि का दुरुपयोग न हो।
    • राजनीतिक दल जाति, धर्म, क्षेत्र आदि संवेदनशील मुद्दों का चुनाव प्रचार में उपयोग न करें।
    • चुनाव में धनबल, बाहुबल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में दबाव आधारित प्रथा का प्रयोग न हो।
    • चुनावी प्रचार सामग्री के लिए अनुमति लेना आवश्यक होगा।
    • दीवारों, होर्डिंग, बैनर आदि को नियमों के अनुसार हटाना होगा।
    • मतदाताओं को किसी भी प्रकार की रिश्वत या लाभ नहीं दिया जाएगा।
    • मतदान केंद्रों के निकट शराब वितरण, जुलूसों में असामाजिक गतिविधि प्रतिबंधित होगी।
    • चुनावी भाषणों और प्रचार में व्यक्तिगत हमले या अपमानजनक भाषा का उपयोग नहीं होगा।
    • चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया पर 48 घंटे के दौरान चुनावी सामग्री प्रसारण पर पाबंदी रहेगी।
    • चुनाव परिणाम घोषित होने तक आचार संहिता का सख्ती से पालन अनिवार्य होगा; उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई होगी।

    ये नियम बिहार विधानसभा चुनावों में निष्पक्ष, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। चुनाव आयोग द्वारा इनका पालन सुनिश्चित किया जाता है और उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की जाती है।

    घर-घर जाकर हर मतदाता से मिलेंगे अधिकारी 

    विधानसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत 66 प्रतिशत या उससे अधिक करने के लिए जिले में स्वीप (सिस्टमैटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) अभियान तेज कर दिया गया है।

    गुरुवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने स्वीप अभियान की समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देश दिया कि नॉक-टू-डोर कार्यक्रम के तहत वे हर घर का भ्रमण कर हर मतदाता को बूथ की जानकारी दे मतदान जरूर करने के लिए प्रेरित करें।

    इसमें कल्याण विभाग, आईसीडीएस, जीविका, शिक्षा विभाग, नगर निकाय समेत विभिन्न विभागों के कर्मियों की सहभागिता होगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में जिले में मतदान प्रतिशत में लगभग 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस बार विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत 66 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य है।

    इसके लिए मिशन 60 अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत सभी 14 विधानसभा सीटों के न्यूनतम मतदान वाले 60-60 बूथों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

    दिवस विशेष पर थीम आधारित गतिविधियां

    डीएम ने कहा कि स्वीप गतिविधियों की निरंतरता बनाए रखने के लिए निर्वाचन आयोग ने प्रमुख दिवसों की एक सूची उपलब्ध कराई है। इनमें 1 अक्टूबर अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस, दो अक्टूबर गांधी जयंती, 8 अक्टूबर वायुसेना दिवस प्रमुख हैं। डीएम ने पदाधिकारियों को आयोग द्वारा निर्धारित सभी दिवसों पर थीम आधारित स्वीप गतिविधियों के संचालन करने का निर्देश दिया है