बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन में गड़बड़ी के आरोपों पर चुनाव आयोग का खंडन, कहा- फर्जी वोटरों को हटाना होगा
बिहार चुनाव को लेकर चुनाव आयोग वोटर लिस्ट में सुधार कर रहा है। विपक्ष ने वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आरोप लगाया जिसे आयोग ने खारिज किया है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह फर्जी मतदाताओं को हटाने का काम कर रहा है। बिहार पहला राज्य है जहां हर मतदान केंद्र पर 1200 से कम मतदाता हैं।

एजेंसी, नई दिल्ली/पटना। बिहार चुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग के आदेश पर वोटर लिस्ट रिवीजन का काम किया जा रहा है। वोटरों को वोट से वंचित करने का आरोप लगाकर विपक्ष चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर रहा है।
चुनाव आयोग ने बिहार में मतदाता सूची में छेड़छाड़ के उन आरोपों का खंडन किया है जिनका दावा कई विपक्षी दलों ने अदालत में किया था।
बिहार में एसआईआर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में आयोग ने कहा कि वह मतदाता सूची से फर्जी मतदाताओं को हटाने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभा रहा है, जिससे मतदाताओं को कोई दिक्कत नहीं है।
बिहार देश का पहला राज्य जिसके सभी मतदान केंद्रों पर 1,200 से कम मतदाता
चुनाव आयोग ने सोमवार को कहा कि बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसके सभी मतदान केंद्रों पर 1,200 से कम मतदाता हैं। चुनाव आयोग ने हाल ही में कतारों को छोटा करने के लिए प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या 1,500 से घटाकर अधिकतम 1,200 करने की कवायद शुरू की है।
चुनाव आयोग ने बताया कि मतदाताओं की सुविधा के लिए बिहार में 12,817 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं। बिहार में मतदान केंद्रों की कुल संख्या अब 77,895 से बढ़कर 90,712 हो जाएगी।
प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की संख्या कम करने के लिए इसी तरह की कवायद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में की जाएगी।
चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि जहां भी संभव हो, मतदाताओं को केंद्रों तक पहुंचने के लिए दो किलोमीटर से अधिक की यात्रा न करनी पड़े।
मतदाताओं की अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ऊंची इमारतों और सोसाइटियों में मतदान केंद्र स्थापित किए गए।
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