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    Bihar: रूसा और पीएम ऊषा योजना के क्रियान्वयन की कार्ययोजना तैयार, विश्वविद्यालय में होगा बदलाव

    Updated: Tue, 17 Jun 2025 02:27 PM (IST)

    अब शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) और पीएम ऊषा योजना के क्रियान्वयन को लेकर स्वयं ही कार्ययोजना तैयार की है। योजना में लगभग डेढ़ हजार विद्यालयों का केंद्र सरकार ने चयन किया है। इन योजनाओं को लेकर शिक्षा विभाग शीघ्र ही केंद्र से वित्तीय सहायता देने का आग्रह करेगा।

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    रूसा और पीएम ऊषा योजना के लिए योजना तैयार कर ली गई है। सांकेतिक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, पटना। केंद्रीय स्कीमों के क्रियान्वयन में विश्वविद्यालयों की लेटलतीफी को देखते हुए अब शिक्षा विभाग ने राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) और पीएम ऊषा योजना के क्रियान्वयन को लेकर स्वयं ही कार्ययोजना तैयार की है। उस पर विश्वविद्यालयों द्वारा अमल कराया जाएगा।

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    इसी तरह पीएमश्री योजना (पीएम स्कूल फार राइजिंग इंडिया) को पूरी तरह धरातल पर उतारने का भी प्रयास चल रहा है। इस योजना में लगभग डेढ़ हजार विद्यालयों का केंद्र सरकार ने चयन किया है। इन योजनाओं को लेकर शिक्षा विभाग शीघ्र ही केंद्र से वित्तीय सहायता देने का आग्रह करेगा। शिक्षा विभाग द्वारा हर विश्वविद्यालय के विकास कार्यक्रमों पर फोकस किया जा रहा है, ताकि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन और उसका लाभ संस्थानों और छात्रों को मिल सके। पीएम ऊषा योजना में नए वित्तीय वर्ष में राज्य के विश्वविद्यालयों को शोध कार्य और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए 126.34 करोड़ रुपये मिलेंगे।

    इस संबंध में शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को अपनी कार्य योजना बनाने को कहा है। केंद्र सरकार द्वारा पटना विश्वविद्यालय और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को 100-100 रुपये उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी गई है। पहली बार उच्च शिक्षा के विकास के लिए केंद्र सरकार ने करीब 283 करोड़ 20 लाख रुपये देने की सहमति दी है। इस राशि से आधारभूत संरचना विकास कार्य होगा।

    इससे उच्च शिक्षा को दुरुस्त करने और खामियों को दूर करने में मदद मिलेगी। उच्च शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि पीएम उषा योजना के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में पाठ्यक्रम को अपग्रेड किया जाएगा। शिक्षण कार्य में गुणात्मक सुधार हेतु सहायक प्राध्यापकों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। हर संस्थान में डिजिटल बुनियादी ढांचे, मान्यता और रोजगार क्षमता में वृद्धि किया जाएगा।