Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    पटना साहिब में इको-फ्रेंडली दीपावली, 11000 दीयों से जगमग होगा तख्त श्री हरिमंदिर

    Updated: Sat, 18 Oct 2025 06:00 AM (IST)

    पटना साहिब में इस बार तख्त श्री हरिमंदिर साहिब परिसर 11,000 दीयों से जगमगाएगा। यह ईको-फ्रेंडली दीपावली मनाने की एक पहल है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इस विशेष आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। वे पर्यावरण के अनुकूल दीपावली मनाने के लिए उत्सुक हैं।

    Hero Image

    11 हजार दीयों से दीपावली पर जगमग होगा तख्त श्री हरिमंदिर पटना साहिब। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना सिटी। विश्व के कोने-कोने को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए सिखों के दूसरे बड़े तख्त श्रीहरिमंदिर जी पटना साहिब में 21 अक्टूबर को ईको फ्रेंडली दीपावली मनाई जाएगी।

    तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब को 11000 दीयों से सजाया जाएगा। यह जानकारी शुक्रवार को प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार जगजोत सिंह सोही व महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह ने बताई। दीपावली के अवसर पर भजन-कीर्तन-प्रवचन का दौर जारी रहेगा तथा विशेष लंगर की व्यवस्था होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विभिन्न राज्यों से संगत यहां पहुंचते हैं दीपावली मनाने

    तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार भाई बलदेव सिंह ने बताया कि प्रतिवर्ष दीपावली के मौके पर गुरुद्वारा को आकर्षक ढंग से सजाया जाता है। प्रत्येक घर की सिख महिलाएं तख्त श्री हरिमंदिर जी परिसर में मोमबत्ती व दीये जला पूजा-अर्चना करती हैं।

    प्रबंधक समिति की ओर से दीपावली को विशेष रूप से मनाने का फैसला लिया गया है। प्रबंधक सरदार दलजीत सिंह ने बताया कि दशमेश गुरु की जन्मस्थली पटना साहिब होने के कारण यहां की दीपावली पूरे देश के लिए खास होती है। देश के विभिन्न राज्यों से पंजाबी संगत यहां दीपावली मनाने पहुंचते हैं। सिख परिवार गुरुग्रंथ साहिब का पाठ करता है।

    बंदी छोड़ दिवस पर रिहा हुए थे छठे गुरु व 52 राजा

    प्रबंधक समिति के उपाध्यक्ष सरदार गुरविंदर सिंह ने बताया कि सिख धर्म के छठे गुरु हरगोविंद साहिब को मुगल शहंशाह जहांगीर ने ग्वालियर के किले में बंदी बना लिया। इसके बाद साई मिया मीर जी ने जहांगीर से गुरु जी को छुड़वाने की बात कर ली।

    छठे गुरु अकेले किले से रिहाई के लिए मना कर दिया क्योंकि गुरु जी वहां कैद अन्य राजाओं को भी जेल के बंधन से मुक्त कराना चाहते थे। तब जहांगीर ने शर्त रखा कि गुरु जी उतने ही राजाओं को छुड़वा सकते हैं जितना कि उन्हें पकड़ सके।

    छठे गुरु ने अपने लिए एक खास वस्त्र तैयार कराए जिन्हें सभी राजा पकड़ सकते थे। कार्तिक अमावस्या के दिन रिहाई के समय कैद में रह रहे 52 के 52 राजा गुरुजी को पकड़ रिहा हो अमृतसर पहुंचे।

    गुरु जी के आने की खुशी में सभी लोगों ने श्री हरिमंदिर साहिब व अपने घरों में दीये जलाए। तब से सिख समाज के लोग निकटतम गुरुद्वारे में दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। इसे बंदी छोड़ दिवस भी कहते हैं।

    गुरुद्वारा में जलाए दीये से जलता है घर का दीया

    परंपरा के अनुसार विभिन्न मोहल्लों में रहनेवाले सिख परिवार घर से दीया लेकर तख्त श्री हरिमंदिर जाते हैं और गुरुद्वारा से लौटते समय घर का दीया निशान साहिब के पास रख जलाते हैं।

    गुरुद्वारा से कोई एक जलता दीया लाकर उसी से घर के सभी दीये व मोमबत्ती जलाते हैं। पंजाबी परिवार का मानना है कि दीयों के रौशन से घर की खुशियां बढ़ती हैं। सिख परिवार घरों के चारों ओर रंगोली सजाते हैं।