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    Bihar Monsoon Forecast: बिहार में कब आएगा मानसून? इस बार सामान्य से अधिक होगी वर्षा; पढ़ें IMD का लेटेस्ट अपडेट

    Updated: Sun, 25 May 2025 08:17 AM (IST)

    दक्षिण पश्चिम मानसून केरल में समय से पहले पहुँच गया है जिससे बिहार में भी मानसून के जल्द आने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार बिहार में मानसून सामान्यतः 13-15 जून तक पहुँचता है। इस बार मानसून के जल्दी आने का मुख्य कारण अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बढ़ी हुई नमी है जिससे मानसूनी हवाएं तेजी से सक्रिय हुई हैं।

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    प्रदेश में 13-15 जून के बीच मानसून आने की संभावना

    प्रभात रंजन, पटना। दक्षिण पश्चिम मानसून शनिवार को केरल अपने निर्धारित समय से आठ दिन पहले पहुंचा। मौसम विभाग के अनुसार 16 वर्ष में ऐसा पहली बार हुआ जब मानसून जल्दी आया।

    आमतौर पर मानसून एक जून को केरल पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर करता है। केरल में समय से आठ दिन पूर्व मानसून पहुंचने को लेकर प्रदेश में भी मानसून के जल्द आने की कयास लगाए जा रहे हैं।

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    मौसम विज्ञान केंद्र पटना के निदेशक आशीष कुमार ने बताया कि प्रदेश में मानसून पूर्णिया व किशनगंज के रास्ते पहुंचता है। इसका निर्धारित तिथि 13-15 जून है।

    ऐसे में संभावना लगाई जा सकती है कि प्रदेश में भी इस बार समय से पहले मानसून दे सकता है। मानसून का जल्दी आना यह तय नहीं करता है कि वह जल्द खत्म भी हो जाएगा।

    मौसम से जुड़ी कई जटिल प्रक्रियाओं पर निर्भर करता है जैसे कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में समुद्री तापमान, हवा का दबाव और वैश्विक मौसम पैटर्न होता है।

    अगर मानसून समय से पहले आ जाए लेकिन उसकी गति अच्छी बनी रहे तो पूरे देश में सामान्य या उससे अधिक वर्षा हो सकती है लेकिन अगर मानसून जल्दी आकर धीरे पड़ जाए या कमजोर हो जाए तो कुल मिलाकर कम वर्षा की संभावना बनती है।

    कभी-कभी मानसून देर से आता है लेकिन लंबे समय तक टिकता है और अच्छी वर्षा होती है। मौसम विज्ञानी के अनुसार भारत में इस बार मानसून जल्दी पहुंचने की मुख्य वजह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बढ़ी हुई नमी है।

    समुद्र का तापमान सामान्य से ज्यादा रहा इससे मानसूनी हवाएं तेजी से सक्रिय हुई। पश्चिमी हवाओं और चक्रवातों की हलचल ने भी मानसून को आगे बढ़ने में मदद की है।

    बीते वर्ष देर से प्रदेश में आया था मानसून

    मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बीते वर्ष प्रदेश में मानसून पांच दिनों की देरी से 20 जून को आया था। इस दौरान सामान्य से 20 फीसद कम वर्षा हुई थी।

    वहीं 2023 में मानसून समय से एक दिन पहले 12 जून को प्रवेश कर गया था। इसके बाद भी सामान्य से 23 फीसद कम वर्षा हुई थी। 2020 से 2022 के बीच बिहार में मानसून 13 जून को प्रवेश किया था।

    बिहार में मानसून सीजन के दौरान सामान्य वर्षा 1272.5 मिमी है। 2021 के बाद से बिहार में मानसून सीजन के दौरान सामान्य से अधिक वर्षा नहीं हुई है।

    इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि समय से पहले मानसून आता है तो अच्छी वर्षा के संकेत हैं। लेकिन वास्तविक स्थिति बिहार में मानसून दस्तक देने के बाद ही पता चलेगा कि मानसून को मौसमी चक्र सहायता करता है या नहीं। अगर मौसमी चक्र मानसून को सहायता करेंगे तो सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है।

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