वंशवादी, परिवारवादी दलों को लोकतंत्र में आस्था नहीं, उनकी चाहत केवल सत्ता: मंगल पांडेय
पांडेय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का यह बयान कि वह चुनाव बहिष्कार पर विचार कर रहे हैं उनकी इसी गैर लोकतांत्रिक मानसिकता व सोच को दर्शा रहा है। ऐसे नेताओं को जनता के मत पर नहीं अपनी तिकड़म पर भरोसा है। इन्हें वंशवादी परम्परा में सत्ता थाली में परोस कर चाहिए।

राज्य ब्यूरो, पटना। स्वास्थ्य व विधि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि वंशवादी, परिवारवादी दलों को देश के लोकतंत्र पर भरोसा व आस्था नहीं है। उनकी चाहत केवल सत्ता है। ऐसे दलों के नेता लोकतंत्र की प्रक्रिया को नकार कर जनता का अपमान कर रहे हैं।
पांडेय ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का यह बयान कि वह चुनाव बहिष्कार पर विचार कर रहे हैं उनकी इसी गैर लोकतांत्रिक मानसिकता व सोच को दर्शा रहा है। ऐसे नेताओं को जनता के मत पर नहीं, अपनी तिकड़म पर भरोसा है। इन्हें वंशवादी परम्परा में सत्ता थाली में परोस कर चाहिए। राजनीतिक हताशा व निराशा में दिया गया यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। सत्ता की लिप्सा में लोकतांत्रिक प्रक्रिया, मर्यादा और स्थापित मूल्यों को नकारने का नतीजा यह देश आपातकाल के तौर पर भुगत चुका है। चुनाव बहिष्कार के जरिए जनता के बीच जाने से बचने का डर लोकतंत्र और उसकी व्यवस्था को खारिज कर जनता का अपमान करना है।
पांडेय ने पूछा है कि लोकतंत्र और संविधान की दुहाई देते नहीं थकने वाले विपक्ष को आखिर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में भरोसा क्यों नहीं है? सत्यापित मतदाता सूची व पारदर्शी चुनाव से एतराज क्यों है? संवैधानिक संस्थाओं पर अविश्वास क्यों है? सुप्रीम कोर्ट के यह स्पष्ट करने के बावजूद कि चुनाव आयोग अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वाह कर रहा है, फिर विरोध क्यों है?
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