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    Durga Puja 2025: पटना में प्रतिमा 20 और पंडाल 40 फीट से ऊंचा नहीं होगा, विसर्जन के लिए भी नियम सख्त

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 08:43 PM (IST)

    पटना में दुर्गा पूजा और दशहरा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी। जिला प्रशासन ने पंडाल निर्माण और मूर्ति विसर्जन के लिए नियम सख्त कर दिए हैं। मूर्तियों की ऊंचाई सीमित की गई है पीओपी और जहरीले रंगों का उपयोग प्रतिबंधित है। नदी में मूर्ति विसर्जन पर रोक है। जुलूसों के लिए लाइसेंस अनिवार्य है और सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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    पटना में दुर्गा पंडालों के नियम सख्त। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, पटना। दुर्गा पूजा-दशहरा पर इस वर्ष पर्यावरण संरक्षण व सुरक्षा व्यवस्था पर जिला व पुलिस प्रशासन की विशेष नजर रहेगी। बुधवार को जिलाधिकारी डा. त्यागराजन एसएम व एसएसपी कार्तिकेय के शर्मा ने दुर्गा-पूजा व दशहरा को सुरक्षित, सुव्यवस्थित व शांतिपूर्ण बनाने के लिए समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिया।

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    जिलाधिकारी ने कहा कि पंडाल निर्माण व प्रतिमा विसर्जन के निर्धारित मानकों का अनिवार्य रूप से अनुपालन कराया जाएगा। किसी भी मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई 20 फीट व ऊपरी संरचना की ऊंचाई 40 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए।

    मूर्तियों को प्राकृतिक सामग्री जैसे मिट्टी-बांस से बनाया जाए। प्लास्टर आफ पेरिस (पीओपी) का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। इसी प्रकार मूर्तियों की रंगाई के लिए जहरीले व गैर जैव विघटनीय रासायनिक या कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल प्रतिबंधित है।

    मूर्तियों को पानी में घुलनशील व गैर विषैले प्राकृतिक रंगों से ही रंगा जाएगा। नदी या किसी जल प्रवाह में मूर्ति विसर्जन पूर्णतय: प्रतिबंधित रहेगा। एसएसपी ने कहा कि पूजा के दौरान भीड़ प्रबंधन, सुगम यातायात व विधि व्यवस्था कायम रखना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।

    सभी पूजा पंडालों व जुलूसों के लिए लाइसेंस एवं सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था अनिवार्य होगी। सोशल मीडिया मानीटरिंग, क्विक रिस्पांस टीम व ड्रोन से निगरानी की जाएगी।

    डीजे, आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। संवेदनशील जगहों पर विशेष निगरानी की व्यवस्था की जाएगी। इंटरनेट मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ तत्काल प्रतिबंध लगा कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    पंडालों व जुलूस के लिए लाइसेंस-अनुमति लेना अनिवार्य

    जिलाधिकारी ने कहा कि पर्व के दौरान किसी भी मेले, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रावण वध, जुलूस, विसर्जन जुलूस आदि कार्यक्रमों का आयोजन जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना नहीं किया जा सकेगा।

    पूजा समितियों को अनिवार्य रूप से लाइसेंस लेना या उसका नवीकरण कराना होगा। जुलूस पर भी यह नियम लागू होगा। आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देशानुसार पूजा पंडालों का निर्माण एवं संचालन करते हुए सीसीटीवी-वीडियोग्राफी व अग्निशमन की अनिवार्य व्यवस्था होनी चाहिए।

    भीड़ प्रबंधन हेतु लाउडस्पीकर की समुचित व्यवस्था रहनी चाहिए। आपत्तिजनक स्लोगन, कार्टून, डीजे व आतिशबाजी हर स्थिति में प्रतिबंधित रहेंगे। पूजा स्थलों पर महिलाओं व पुरुषों के लिए अलग-अलग पंक्ति हो।

    संबंधित पदाधिकारियों को पूजा समितियों से समन्वय कर इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। एसएसपी ने सभी थानाध्यक्षों को पंडालों का भ्रमण करने, क्विक रिस्पांस टीम की नियमित गश्ती व जुलूस के दौरान थाना की स्कार्ट पार्टी साथ रहने का निर्देश दिया गया है।

    जिला के साथ अनुमंडल स्तरों पर नियंत्रण कक्ष गठित किया जाएगा। इसके अलावा विद्युत विभाग के अभियंताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि पंडालों में कहीं भी लूज वायर नहीं रहे। नगर निगम, नगर परिषद व नगर पंचायत अपने कार्यक्षेत्र में साफ-सफाई एवं प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।

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