Patna News: दुर्गा पंडालों में इन मानकों का रखना होगा ख्याल, वरना हो जाएगी कार्रवाई; जारी हुए नंबर
पटना में दुर्गा पूजा पंडालों की सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन सख्त है। पंडालों में आग से बचाव के लिए उचित इंतजाम अनिवार्य किए गए हैं जिनमें अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता और खुले स्थान का होना शामिल है। 35 पूजा पंडाल समितियों को सुरक्षा मानकों का पालन न करने पर नोटिस जारी किया गया है।

जागरण संवाददाता, पटना। दुर्गा पूजा पंडालों को आग से सुरक्षित करने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष निर्देश जारी किए हैं। सभी पूजा पंडालों में अग्निशमन के पर्याप्त उपायों का होना अनिवार्य है।
पंडाल के चारों ओर कम से कम पांच वर्ग मीटर खुला स्थान रखना होगा ताकि आपातस्थिति में फायर ब्रिगेड या पुलिस वाहन आसानी से पहुंच सकें।
पंडालों का निर्माण फायर रिटारडेंट घोल में उपचारित सूती कपड़े से करने के साथ साथ मौके पर तुरंत आग बुझाने वाले उपकरण, रेत, पानी आदि की व्यवस्था जरूरी होगी।
बड़े पंडालों में प्रति 100 वर्ग मीटर पर 9 लीटर का अग्निशामक यंत्र लगाना होगा। रेलवे लाइन, विद्युत सब स्टेशन, चिमनी-भट्ठे, ट्रांसफार्मर या बिजली के तारों के जाल से कम से कम 15 मीटर की दूरी पर पंडाल बनाया जाए। आतिशबाजी के दौरान खास सावधानी बरती जाए।
35 पूजा पंडाल समिति को नोटिस
अग्निशमन विभाग ने शहर में बनाए गए 525 पंडालों की पहचान की है, जहां फायर सेफ्टी के इंतजाम की जांच की गई। इनमें 35 पंडालों में अग्निसुरक्षा के मानकों का ध्यान नहीं रखा गया। जिला अग्निशमन विभाग ने इन पंडाल को खतरनाक श्रेणी में रखा है।
संबंधित पूजा समितियों को तीन दिनों में मानकों को पूरा करने को कहा गया है। जिला अग्निशमन पदाधिकारी मनोज कुमार नट ने बताया कि सभी पूजा पंडालों में फायर सेफ्टी के इंतजामों की जांच की जा रही है। 35 आयोजकों को नोटिस दिया गया है।
इसके बाद भी सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया गया तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। बताया कि इसके साथ ही बिजली विभाग को भी पत्र भेजा गया है ताकि ग्रामीण और शहरी इलाकों में तारों की मरम्मत तुरंत हो सके।
पंडाल निर्माण में इन मानकों का रखना होगा ध्यान
- पंडाल की ऊंचाई किसी भी हाल में तीन मीटर से कम नहीं होनी चाहिए l
- सिंथेटिक कपड़ों व रस्सी का प्रयोग पंडाल निर्माण नहीं किया जाए l
- पंडाल बिजली की लाइन की नीचे किसी भी दशा में नहीं लगाया जाए।
- बाहर निकलने के लिए कम से कम दो गेट हों जो किसी भी हाल में 5 मीटर से कम चौड़े नहीं हों l निकास द्वार ऐसे बनाएं कि किसी भी दिशा से निकलने में 15 मीटर से अधिक दूरी तय नहीं करनी पड़े।
- इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था होनी चाहिए, हैलोजन लाइट का प्रयोग पंडाल के अंदर नहीं किया जाना चाहिए।
- हवनकुंड पंडाल से 20 मीटर की दूरी पर हो, पंडाल में हो तो हवन के समय एक व्यक्ति इसकी लगातार निगरानी करे। हवन कुंड के पास हजार लिटर के चार ड्रम पानी व मग जरूर रखें।
- प्रसाद बनाने की रसोई 200 मीटर दूर होनी चाहिए।
- मौके पर तुरंत आग बुझाने वाले उपकरण, रेत, पानी आदि की व्यवस्था जरूरी
आपात स्थिति में घुमाएं ने नंबर
जिला/स्थान | आपातकालीन नंबर |
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जिला नियंत्रण कक्ष | 7485805821 |
फुलवारीशरीफ | 7485806113 |
लोदीपुर | 7485805820 |
कंकड़बाग | 7485806121-22 |
दानापुर | 7485806118 |
पालीगंज | 7485805919 |
मसौढ़ी | 7485805894 |
बाढ़ | 9241894743 |
सचिवालय | 7485806124 |
पटनासिटी | 7485805816 |
आपातकालीन नंबर | 101 व 112 |
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