दरधा व फल्गु नदी के बढ़ते जलस्तर से फतुहा समेत चार प्रखंडों में मंडराने लगा बाढ़ का खतरा
उदेरा स्थान बराज में अचानक 1 लाख 15 हजार 308 क्यूसेक पानी छोड़ने से फल्गु व दरधा जैसी नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। इससे पटना जिले के फतुहा दनियावां धनरूआ व खुशरूपुर अंचलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कई गांवों में तो खेतों तक पानी पहुंच भी चुका है।

जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश व पड़ोसी राज्यों में हो रही वर्षा से गंगा, सोन, गंडक व पुनपुन जैसी नदियों को जलस्तर खतरे की ओर बढ़ रहा है। इसी क्रम में बुधवार को उदेरा स्थान बराज में अचानक 1 लाख 15 हजार 308 क्यूसेक पानी छोड़ने से फल्गु व दरधा जैसी नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। इससे पटना जिले के फतुहा, दनियावां, धनरूआ व खुशरूपुर अंचलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। कई गांवों में तो खेतों तक पानी पहुंच भी चुका है।
हालात की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी डा. त्यागराजन एसएम ने गुरुवार को समाहरणालय सभागार में संबंधित पदाधिकारियों के साथ आपात बैठक की और सभी को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। डीएम ने कहा कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है परंतु किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन मुस्तैद है। यदि बाढ़ की स्थिति बनती है तो उसे समय रहते नियंत्रित किया जा सकता है।
फतुहा-दनियावां के कई गांवों घुसा पानी
बाढ़ समीक्षा में पाया गया कि धोवा नदी के बढ़े जलस्तर के कारण फतुहा अंचल के श्रीपतपुर, कोल्हर व मोइनउद्दीनपुर एवं दनियावां के कशमिरिया, सलारपुर, सिगरियावां एवं बांकीपुर मछरियावां पंचायतों के खेतों तक पानी पहुंच गया है। इन इलाकों में क्षतिग्रस्त बांधों की मरम्मत पूरी कर ली गई है और अधिकारी लगातार निगरानी कर रहे हैं। वहीं, दरधा नदी में भी जलस्तर तेजी से बढ़ा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने मसौढ़ी अनुमंडल पदाधिकारी, धनरूआ के अंचलाधिकारी व संबंधित अभियंताओं को चिन्हित स्थलों पर तत्काल निरीक्षण के लिए भेजा। बाढ़ प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि 16 जुलाई की पूर्वाह्न 11 बजे उदेरा स्थान बराज से 1,15,308 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह विगत वर्षों की तुलना में सर्वाधिक है। इससे फतुहा, दनियावां, धनरूआ एवं खुशरूपुर अंचल प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि अभी इन क्षेत्रों में स्थिति सामान्य है।
बाढ़ से निपटने को मानक प्रक्रिया के तहत करें कार्रवाई
जिलाधिकारी डा. त्यागराजन ने कहा कि बाढ़ की आशंका से निपटने के लिए सभी अधिकारी मानक प्रक्रिया (एसओपी) के तहत त्वरित एवं प्रभावी कार्रवाई करें। कार्यपालक अभियंता ईसी बैग समेत अन्य बाढ़ संघर्ष सामग्री का पूर्व भंडारण सुनिश्चित करें। तटबंधों व बांधों का नियमित निरीक्षण करें व तुरंत टूटे बांधों की मरम्मत कराएं। उन्होंने एसडीओ व सीओ को अपने क्षेत्र में ट्रैक्टर, ट्राली, मजदूर, नाव, पालिथीन शीट, लाइफ जैकेट व लाइट आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। आवश्यकता पड़ने पर सूखा राशन पैकेट बनाकर वितरित करने का निर्देश अपर समाहर्त्ता (आपदा प्रबंधन) को दिया।
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