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डॉक्टर की सलाह : गर्मी में ऐसे बचें लू से, अगर लग जाए तो करें ये प्राथमिक उपचार

गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक या लू जानलेवा हो सकती है। इस संबंध में हमने राजधानी के प्रतिष्ठित पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एके जायसवाल से बातचीत की। आइए देखें लू से बचाव व लू लग जाने पर प्राथमिक उपचार के उनके सुझाए कुछ उपाए...

By Kajal KumariEdited By: Published: Sun, 10 Apr 2016 09:59 AM (IST)Updated: Sun, 10 Apr 2016 02:03 PM (IST)

पटना। गर्मी के मौसम में हीट स्ट्रोक या लू जानलेवा हो सकती है। इस संबंध में हमने राजधानी के प्रतिष्ठित पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. एके जायसवाल से बातचीत की। आइए देखें लू से बचाव व लू लग जाने पर प्राथमिक उपचार के उनके सुझाए कुछ उपाए...

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लू से बचाव व प्राथमिक उपचार

- तेज धूप में बच्चों को बाहर निकलने न दें।

- बहुत जरूरी हो तो खुद भरपूर पानी पीकर और सूती कपड़े पहनकर बाहर निकलें।

- सिंथेटिक कपड़ों से लू लगने की संभावना बढ़ जाती है।

- हीट स्ट्रोक होने पर तुरंत बच्चों के जरूरी कपड़े के अलावा बाकी कपड़े उतार दें। ठंडे पानी से बदन तब तक पोंछते रहें, जब तक बुखार कम नहीं हो जाए।

- बच्चे को थोड़ी-थोड़ी देर में ओआरएस का घोल पिलाते रहें।

- हालत में सुधार न होने पर मरीज को तुरंत नजदीकी डॉक्टर या अस्पताल ले जाएं।

लू के लक्षण

- लू या हीट स्ट्रोक लगने के बाद तेज बुखार आता है। कभी-कभी बुखार 105 से 106 डिग्री फॉरेनहाइट तक हो जाता है।

- ऐसे बुखार में पसीना नहीं आता है। बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत होती है।

- बच्चों को बेहोशी छाने लगती है। मुंह सूखने लगता है।

- शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती है।


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