By Akshay PandeyEdited By: Sanjeev Kumar
Updated: Sun, 12 Nov 2023 02:30 PM (IST)
Diwali Shubh Muhurt कार्तिक कृष्ण प्रदोष व रात्रि व्यापिनी अमावस्या के दिन रविवार को दीपोत्सव मनाया जाएगा। श्रद्धालु घरों से लेकर कार्यालयों कल-कारखानों में मां लक्ष्मी भगवान गणेश कुबेर पंच देवता नवग्रह मां काली के साथ अन्य देवी-देवताओं की पूजा अर्चना सुबह से लेकर देर रात तक करेंगे।
ज्योतिष आचार्यों ने पंचांगों के हवाले से बताया कि दीपावली पर पांच राजयोग का संयोग सात सौ वर्षों बाद बना है।
जागरण संवाददाता, पटना। कार्तिक कृष्ण प्रदोष व रात्रि व्यापिनी अमावस्या के दिन रविवार को दीपोत्सव मनाया जाएगा। श्रद्धालु घरों से लेकर कार्यालयों, कल-कारखानों में मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर, पंच देवता, नवग्रह, मां काली के साथ अन्य देवी-देवताओं की पूजा अर्चना सुबह से लेकर देर रात तक करेंगे।
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ज्योतिष आचार्यों ने पंचांगों के हवाले से बताया कि दीपावली पर पांच राजयोग का संयोग सात सौ वर्षों बाद बना है। शनि अपनी स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश महापुरुष राजयोग का निर्माण कर रहा है। शुक्र, बुध, चंद्रमा, गुरु ग्रह की शुभ स्थितियों में गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल व दुर्धरा नामक पांच राजयोग बन रहा है। शुभ संयोग में महालक्ष्मी पर्व सुख-समृद्धि देने वाला है।
दीपावली पर ग्रहों की अनुकूल स्थिति देश की तरक्की में कारगर साबित होगी। ज्योतिष शास्त्र में गजकेसरी योग को शुभता, मान-सम्मान व लाभ देने वाला योग माना गया है। हर्ष योग धन में वृद्धि व यश प्रदान करता है। काहल, उभयचरी और दुर्धरा योग शुभता, प्रतिष्ठा, आर्थिक संपन्नता और शांति दिलाता है। दीपावली पर पांच राजयोग के अलावा स्वाति नक्षत्र भी विद्यमान रहेगा।
सकारात्मक ऊर्जा देता है दीपक
पंच दिवसीय दीपोत्सव के अंतर्गत घर, मंदिर, पूजन स्थल में घी या तेल का दीपक जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का ह्रास होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। दीपावली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा में उत्तर दिशा में दीपक रखने से घर में धन-संपदा, ऐश्वर्य, मानसिक शांति व उन्नति होती है। उत्तर दिशा में दीप जलाने से स्वास्थ्य व प्रसन्नता में वृद्धि, पूर्व दिशा में जलाने से चिरायु, निरोगता होती है।
सम संख्या में दीप जलाने से ऊर्जा का संवहन
सम संख्या में दीप जलाने से ऊर्जा का संवहन निष्क्रिय हो जाता है, विषम संख्या में दीपक जलाने पर वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण होता है। दीपावली में केवल मिट्टी के दीपक जलाने चाहिए। पंच तत्वों के मिश्रण से तैयार यह दीपक आध्यत्मिक मायने में बहुत ही पवित्र होता है। इसमें जल तत्व का मिश्रण कर आकश के नीचे वायु तत्व में इसे सुखाकर अग्नि तत्व में पकाया जाता है।
मिट्टी के दीपक जलाने से शौर्य व पराक्रम में वृद्धि तथा पारिवारिक सुख व समृद्धि में वृद्धि होती है। दीपावली पूजा शुभ मुहूर्त चर-लाभ-अमृत मुहूर्त: सुबह 07:28 बजे से 11:33 बजे तक,
- आयुष्मान योग: शाम 05:38 बजे तक
- शुभ योग मुहूर्त: 12:55 बजे से 02:17 बजे तक
- कुम्भ लग्न: दोपहर 12 :45 बजे से 02 :16 बजे तक
- प्रदोष मुहूर्त: शाम 05:23 बजे से 07:19 बजे तक
- सौभाग्य योग: शाम 05:39 बजे से रातभर
- अमृत काल मुहूर्त: रात्रि 06:39 बजे से 08:17 बजे तक
- चर योग मुहूर्त: रात्रि 08:17 से 09:56 बजे तक
- सिंह लग्न: रात्रि 11:51 बजे से 02:04 बजे तक
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