दिवाली और छठ की रसोई: बिहार के घरों में फिर से महकेंगे ठेकुआ, कढ़ी बड़ी के स्वाद, जाने कैसे बनाएं...
बिहार में दीपावली और छठ पूजा के अवसर पर घरों में विशेष पकवान बनाए जाते हैं। दिवाली पर कढ़ी बड़ी, अनरसा और खजूर जैसे व्यंजन बनते हैं, जिनकी खुशबू से घर महक उठता है। वहीं, छठ पूजा में ठेकुआ का विशेष महत्व है, जो श्रद्धा और पवित्रता का प्रतीक है। इसे भगवान सूर्य और छठी मैया को अर्पित किया जाता है।

दिवाली और छठ की रसोई
राधा कृष्ण, पटना। बिहार की संस्कृति में पर्व और पकवान का गहरा नाता है। जैसे ही दीपावली और छठ पूजा नजदीक आती है, घरों की रसोईयों में परंपरा और स्वाद का संगम शुरू हो जाता है। इन त्योहारों के मौके पर सिर्फ दीप जलते हैं, बल्कि मिठास और स्मृतियों से भी घर महक उठते हैं।
दिवाली की रसोई: मिठाई नहीं, एहसास बनते हैं
दिवाली की रसोई में सिर्फ मिठाई ही नहीं एहसास भी पकते है। बिहार में दिवाली के समय घरों में खासतौर पर बनने वाली मिठाइयों में अनरसा, खजूर, बालूशाही, लड्डू, सेव, खीर, पूड़ी, कढ़ी बड़ी, पकौड़ा और नमकीन मठरी प्रमुख हैं।दीपावली के दिन सुबह घरों में बनने वाली कढ़ी-बरी की खुशबू पूरे मोहल्ले में फैल जाती है।
जानिए कढ़ी बड़ी की रेसपी
कढ़ी-बड़ी बनाने की सामग्री:
बड़ी (पकोड़ी) के लिए:
उड़द दाल – 1 कप (भिगोई हुई, 4–5 घंटे)
हींग – 1 चुटकी
नमक – स्वादानुसार
तेल – तलने के लिए
कढ़ी के लिए:
- बेसन – 4 बड़े चम्मच
- दही – 1 कप (खट्टा)
- हल्दी – 1/2 चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर – 1/2 चम्मच
- मेथी दाना – 1/2 चम्मच
- हींग – 1 चुटकी
- नमक – स्वादानुसार
- घी/तेल – 1 चम्मच
बनाने की विधि:
बड़ी (पकोड़ी) तैयार करें:
- भीगी हुई उड़द दाल को पीस लें (ज्यादा पानी न डालें)।
- इसमें हींग और नमक मिलाएं।
- मिश्रण को फेंटें जब तक यह हल्का न हो जाए।
- गर्म तेल में छोटे-छोटे गोले डालकर सुनहरा होने तक तल लें।
- तली हुई बरी को हल्के गुनगुने पानी में डालकर नरम कर लें।
कढ़ी तैयार करें:
- बेसन, दही और 3 कप पानी को अच्छे से फेंट लें ताकि गुठलियां न रहें।
- एक पैन में तेल गर्म करें, उसमें मेथी दाना और हींग डालें।
- फिर हल्दी और लाल मिर्च डालकर मसाले को भूनें।
- अब बेसन-दही का मिश्रण डालें और धीमी आंच पर पकने दें।
- उबाल आने पर गैस धीमी कर दें और 10–15 मिनट तक पकाएं।
- अंत में भीगी हुई बरी डालें और 5 मिनट और पकाएं।
छठ पूजा विशेष: ठेकुआ बनाने की पारंपरिक विधि
आवश्यक सामग्री:
- सामग्री -मात्रा
- गेहूं का आटा -2 कप
- गुड़ (कद्दूकस किया) -1 कप (या स्वादानुसार)
- नारियल (कद्दूकस किया)- 2 टेबल स्पून
- सौंफ- 1 टीस्पून
- इलायची पाउडर -1/2 टीस्पून
- घी (मोयन के लिए)- 2 टेबल स्पून
- पानी 1/2 कप -(गुड़ घोलने के लिए)
- घी / तेल तलने के लिए
बनाने की विधि:
- गुड़ का घोल तैयार करें:
- एक पैन में 1/2 कप पानी गर्म करें।
- उसमें गुड़ डालें और धीमी आंच पर घोलें जब तक वह पूरी तरह पिघल न जाए।
- छानकर ठंडा कर लें।
आटा गूंथना: गेहूं के आटे में मोयन (2 टेबल स्पून घी) मिलाएं। हाथ से मसलकर अच्छी तरह मिलाएं।अब इसमें कद्दूकस किया नारियल, सौंफ और इलायची पाउडर डालें। ठंडा किया हुआ गुड़ का घोल धीरे-धीरे डालते हुए आटा गूंथें। आटा न ज्यादा सख्त हो न ढीला – मध्यम हो। आटे को ढककर 15–20 मिनट के लिए रख दें।
ठेकुआ का आकार देना: गूंथे हुए आटे से छोटे-छोटे लोेइयाँ बनाएं। चाहें तो हाथ से दबाकर बेल लें या पारंपरिक ठेकुआ साँचे (wooden mould) में दबाकर डिजाइन दें।
तलना: कढ़ाई में घी या तेल गरम करें। मध्यम आंच पर एक बार में 3–4 ठेकुआ डालें और धीमी आंच पर सुनहरा होने तक तलें। ठेकुआ बाहर निकालकर ठंडा करें, फिर एयरटाइट डिब्बे में रखें।
छठ का प्रसाद, जिसमें होती है आस्था की मिठास
ठेकुआ सिर्फ एक मिठाई नहीं, श्रद्धा, नियम और परंपरा का प्रतीक होता है। इसे पूर्ण सात्विकता और पवित्रता के साथ बनाया जाता है — न प्याज, न लहसुन, न कोई तामसिक तत्व। छठ के इस खास प्रसाद को भगवान सूर्य और छठी मैया को अर्पित किया जाता है।
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