बिहार और यूपी के किसानों के बीच गर्म हुआ माहौल, चार गिरफ्तारियों से सुलगा 70 साल पुराना विवाद
Bihar News बिहार के चार किसानों को जेल भेजे जाने से यूपी के सीमावर्ती गांवों में तनाव फसल काटने को लेकर वर्षो से शांत सीमा विवाद पर हिंसक टकराव की संभावना नैनीजोर के किसानों का यूपी की सीमा में पड़ता है खेत

ब्रह्मपुर (बक्सर), संवाद सहयोगी। सीमा का विवाद केवल दो देशों के बीच नहीं होता, बल्कि दो राज्यों, दो जिलों, दो गांवों, दो टोलों और दो परिवारों के बीच भी ऐसा हो सकता है। बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती गांवों के बीच सीमा विवाद का इतिहास खूनी रहा है। उत्तर प्रदेश के बलिया और गाजीपुर के साथ लगती बिहार के बक्सर, भोजपुर और सारण जिले के सीमाई गांवों में किसानों के बीच आपसी संघर्ष में खूब लाशें गिरी हैं। यहां तक कि पुलिस फायरिंग में भी लोगों को जान गंवानी पड़ी है। पिछले करीब 17 साल से यह विवाद शांत पड़ा है, लेकिन एक हालिया मामला से यह विवाद फिर चर्चा में है।
फसल काटने को लेकर बंदूकें गरजती रही हैं
लगभग 17 वर्षों से शांत पड़े बिहार- यूपी सीमा विवाद की आग फिर सुलगने लगी है। यूपी पुलिस की ओर से बिहार के बक्सर जिले के नैनीजोर गांव के चार किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद फसल कटाई को लेकर सीमावर्ती गांवों के किसानों के बीच तनाव गहरा गया है। ऐसी स्थिति में फसल काटने को लेकर दोनों राज्यों के किसानों के बीच फिर से बंदूकें गरजने की संभावना दिखने लगी है। दोनों तरफ के किसानों ने टकराव की स्थिति को देखते हुए उससे निपटने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
भाजपा के पूर्व विधायक कर रहे किसानों का नेतृत्व
ब्रह्मपुर अंचल के नैनीजोर गांव के किसानों के हजारों एकड़ जमीन यूपी के बलिया जिला के सीमा क्षेत्र में है और ये किसान वर्षों से अपने खेतों की बुआई और कटाई करते हैं। इसी बीच शनिवार को बलिया जिले के हल्दी थाने की पुलिस ने नैनीजोर के किसानों को फसल काटने से रोक दिया और छह किसानों को गिरफ्तार कर थाने ले गई। पुलिस ने योगेंद्र तिवारी, लालजी तिवारी, रंगेश चौधरी और ओमप्रकाश तिवारी नामक किसानों को जेल भेज दिया, लेकिन वृद्ध होने के कारण गोपाल तिवारी और केदार तिवारी को पुलिस ने छोड़ दिया। सीमा विवाद में बिहारी किसानों का नेतृत्व करने वाले भाजपा के पूर्व विधायक डा. स्वामीनाथ तिवारी ने बताया कि यूपी पुलिस ने प्रति किसानों से दस हजार रुपये छोडऩे के लिए रिश्वत की मांग की और नहीं देने पर उन्हें धारा 107 और 151 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। यूपी पुलिस की इस कार्रवाई के बाद सीमावर्ती क्षेत्र में तनाव गहरा गया है।
नैनीजोर की पांच हजार एकड़ जमीन यूपी के सीमा क्षेत्र में
अंग्रेजों के शासन काल से बिहार- यूपी के सीमा विवाद को लेकर दोनों ही राज्यों के दर्जनों किसान मारे गए। केंद्र सरकार द्वारा गठित त्रिवेदी आयोग की अनुशंसा पर नैनीजोर के किसानों की पांच हजार एकड़ यूपी के बलिया जिले की सीमा क्षेत्र में चली गई और उस जमीन पर किसान वर्षों से अपनी खेती बारी करते चले आ रहे हैं। पूर्व विधायक डा. स्वामीनाथ तिवारी बताते हैं कि यूपी पुलिस द्वारा गलत तरीके से बिहारी किसानों को फसल काटते समय गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने इसकी सूचना बक्सर तथा बलिया के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के अलावा कई नेताओं को दी। इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई।
आठ सालों से नहीं हुई अधिकारियों की बैठक
बिहार-यूपी के बीच सीमा विवाद को लेकर बलिया और बक्सर जिले के अधिकारियों की बैठक होती थी और फसलों की बोआई और कटाई को लेकर निर्णय किया जाता था। इधर कई सालों से मामला शांत हो गया था। पूर्व भाजपा विधायक डा. तिवारी ने बताया कि अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय होता था कि जो किसान बोएगा फसल वही किसान काटेगा, लेकिन वर्ष 2014 के बाद अधिकारियों की बैठक नहीं हुई और इस कारण यूपी पुलिस द्वारा नए सिरे से सीमा विवाद उत्पन्न कर दिया गया। उन्होंने कहा कि बिहारी किसानों को फसल काटने से रोक दिए जाने के बाद ङ्क्षहसक टकराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

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