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    यूपी के रहने वाले बिहार के डीएम की चर्चा हर ओर, बाडीगार्ड को नसीहत दे बैग उठाकर चल दिए

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 02 Jan 2022 09:48 PM (IST)

    बिना तामझाम के योगेंद्र सिंह जिले को अलविदा कह गए। डीएम ने फेयरवेल पार्टी को भी शालीनता से मना कर दिया। हाथ में ट्राली बैग व बाडीगार्ड को नए डीएम के साथ रहने की नसीहत देकर स्टेशन रवाना हो गए।

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    नालंदा के डीएम रहे योगेंद्र सिंह की सादगी का चर्चा इंटरनेट मीडिया पर खूब चल रहा है। सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ (नालंदा): नालंदा के 37वें डीएम रहे योगेंद्र सिंह की सादगी उनके स्थानांतरण के बाद दिखी। इसके चर्चे इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। बिना तामझाम के योगेंद्र सिंह जिले को अलविदा कह गए। डीएम ने फेयरवेल पार्टी को भी शालीनता से मना कर दिया। हाथ में ट्राली बैग व बाडीगार्ड को नए डीएम के साथ रहने की नसीहत देकर स्टेशन रवाना हो गए। आम पब्लिक की तरह लाइन में लगकर ट्रेन का टिकट लिया। श्रमजीवी में बैठकर पटना के लिए रवाना हो गए। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के रहने वाले योगेंद्र सिंह नालंदा में 35 महीनों तक जिलाधिकारी रहे। योगेंद्र की पहचान तेजतर्रार अफसरों में की जाती रही। अपने कार्यकाल के दौरान उनके कई फैसले चर्चा में रहे। 

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    नगर आयुक्त को दिया प्रभार, डीडीसी को सिम

    शहर को अलविदा कहने से पहले डीएम ने नगर आयुक्त तरणजोत सिंह को प्रभार दिया। डीडीसी को सरकारी सिम दे दिया। नये पदस्थापना वाले जिला समस्तीपुर के लिए निकल पड़े। स्थानांतरण के बाद जिस तरह से योगेंद्र सिंह नालंदा से रवाना हुए, शायद ही ऐसा किसी डीएम के कार्यकाल में देखने को मिला हो।

    • - नहीं ली विदाई, बिना कुछ कहे शहर को अलविदा कह गए डीएम योगेंद्र
    • - टिकट काउंटर पर आम पब्लिक की तरह लाइन में लगकर लिया टिकट
    • - 35 महीने तक पद पर रहे नालंदा के 37वें डीएम योगेंद्र सिंह
    • -  उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के हरिपुर के रहने वाले

    2012 बैच के आइएएस हैं योगेंद्र सिंह

    योगेंद्र सिंह 2012 बैच के आइएएस अधिकारी हैं। सबसे पहले पटना सिटी के एसडीओ बने थे। बेतिया के उप विकास आयुक्त व शेखपुरा के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के हरिपुर के रहने वाले योगेंद्र सिंह की पहचान जिले में तेजतर्रार व विकास के लिए अग्रसर रहने वाले अधिकारी के रूप में रही। लगभग 35 महीने तक नालंदा के डीएम के रूप में रहे।