डिजिटल अरेस्ट गिरफ्तारी नहीं, 24 घंटे के अंदर शिकायत करने पर वापस मिल जाएगा पैसा
दैनिक जागरण की ओर से आयोजित प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में कानून विशेषज्ञ नीरज कुमार ने राज्यभर से पाठकों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट वास्तव में किसी प्रकार की गिरफ्तारी नहीं होती है। अगर समय पर शिकायत की जाए तो पैसे वापस आ सकते हैं।

जागरण संवाददाता, पटना। डिजिटल अरेस्ट वास्तव में किसी प्रकार की गिरफ्तारी नहीं होती है और न ही किसी कानूनी प्रक्रिया में इसे कोई मान्यता प्राप्त है। कभी भी कोई आपको डिजिटल अरेस्ट का प्रयास करे तो घबराएं नहीं। तुरंत पुलिस को शिकायत करें।
किसी साइबर अपराधी द्वारा आपके एकाउंट से पैसा निकाला जाता है तो तत्काल इसकी शिकायत पुलिस एवं संबंधित बैंक को करें। 24 घंटे के अंदर शिकायत करने पर पूरा पैसा वापस हो सकता है। इस तरह का निर्देश भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से सभी बैंकों को दिया गया है।
जैसे ही आप पुलिस एवं बैंक को एकाउंट से पैसा निकालने की शिकायत करते हैं। जिस एकाउंट में पैसा जाता है उसे तत्काल होल्ड कर दिया जाता है ताकि अपराधी उसे निकाल नहीं सकें। इससे आपका पैसा बच जाता है। डिजिटल अरेस्ट वास्तव में किसी प्रकार की गिरफ्तारी नहीं होती है और न ही किसी कानूनी प्रक्रिया में इसे कोई मान्यता प्राप्त है। ये बातें गुरुवार को दैनिक जागरण की ओर से आयोजित प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में कानून विशेषज्ञ नीरज कुमार ने राज्यभर से पाठकों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में कहीं।
साइबर क्राइम के मामले कहां दर्ज कराए जा सकते हैं?
साइबर क्राइम के मामले साइबर थाने में दर्ज किए जाते हैं। वहां पर मामला दर्ज कर उसकी जांच-पड़ताल करने के बाद कानून के अनुसार साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।
साइबर अपराधी एकाउंट से पैसा निकाल लेते हैं, कैसे रोकें?
साइबर अपराधियों की नजर लोगों के एकाउंट पर रहती है। वे किसी तरह आपके एकाउंट से पैसा निकाल लेते हैं। एकाउंट से पैसा निकालने के बाद तत्काल शिकायत करना जरूरी है। उसके बाद ही पुलिस या बैंक कार्रवाई करते हैं। बिना शिकायत कोई कार्रवाई होना संभव नहीं है।
कितने दिनों तक की सजा हो सकती है?
साइबर अपराधियों के खिलाफ दस साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा जुर्माना लगाया जा सकता है। यह सब केस की गंभीरता पर निर्भर करता है।
कई बार चरित्र का हनन करते हैं, क्या कार्रवाई हो सकती है?
अवश्य कार्रवाई हो सकती है। ऐसे लोगों के खिलाफ प्रमाण के साथ पुलिस को िशकायत करनी चाहिए ताकि कठोर कार्रवाई की जा सके।
एटीएम में पिन फंसाकर पैसा निकालना साइबर अपराध है?
एटीएम से पिंन फंसाकर पैसा निकालने के मामले बढ़ते जाते हैं। इस तरह के मामले साइबर अपराध की श्रेणी में आते हैं। इस तरह के मामले में तत्काल कार्रवाई की जाती है। नेट बैंकिंग के माध्यम से होने वाले अपराध भी इसी श्रेणी में आते हैं।
मोबाइल का डाटा सुरक्षित रखना संभव है?
आजकल मोबाइल का डाटा सुरक्षित रखना काफी मुश्किल है। कई एप आप मोबाइल पर डाउनलोग करते हैं, उसके बाद आपका डाटा सार्वजनिक होने लगता है।
आनलाइन तरीके से शिकायत दर्ज कराने की कोई व्यवस्था है?
साइबर अपराध के मामले दर्ज कराने के लिए आप 1930 पर फोन कर सकते हैं। इसके अलावा सरकारी द्वारा घोषित वेबसाइट पर भी लिखित शिकायत की जा सकती है।
किसी प्रोफेशनल को बदनाम करने के लिए साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाते हैं। उनसे निपटने के लिए क्या कराना चाहिए?
किसी प्रोफेशनल को कोई साइबर अपराधी बदनाम करने का प्रयास करता है तो आप साइबर थाने में शिकायत कर सकते हैं। पुलिस जांच के उपरांत ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सकती है।
अगर कोई अपराधी किसी अन्य एकाउंट से मेरे एकाउंट में पैसा भेजता है तो पूरा एकाउंट फ्रीज हो जाएगा?
नहीं, केवल भेजी गई राशि को ही फ्रीज किया जा सकता है। शेष राशि पूर्व के भांति आप उपयोग कर सकते हैं।
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