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बिहार के सभी मेडिकल कालेज अस्पतालों में भी शुरू होगी दीदी की रसोई, मिलेगा सुपाच्‍य व स्‍वच्‍छ भोजन

बिहार के सभी सरकारी मेडिकल कालेज एवं अस्‍पतालों में दीदी की रसोई खुलेगी। अब तक यह सुविधा जिला एवं अनुमंडलीय अस्‍पतालों में थी। वहां से बेहतर फीडबैक मिलने के बाद अब इसका विस्‍तार करने का निर्णय लिया गया है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Fri, 05 Aug 2022 09:15 AM (IST)Updated: Fri, 05 Aug 2022 09:15 AM (IST)
बिहार के सभी मेडिकल कालेज अस्पतालों में भी शुरू होगी दीदी की रसोई, मिलेगा सुपाच्‍य व स्‍वच्‍छ भोजन
मेडिकल कालेज अस्‍पतालों में खुलेगी दीदी की रसोई। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। राज्य के सभी सरकारी मेडिकल कालेज अस्पतालों (Government Medical Colleges) में अब मरीजों को सुपाच्य और स्वच्छ भोजन देने की जिम्मेदारी जीविका समूह की दीदियों की होगी। अस्पताल में भर्ती मरीज के साथ ही यहां काम करने वाले डाक्टर, नर्स  से लेकर दूसरे मेडिकल स्टाफ को भी इसी रसोई का खाना मिलेगा। सरकार ने मेडिकल कालेज अस्पतालों में जीविका समूह की दीदियों की रसोई में बने भोजन आपूर्ति का प्रस्ताव स्वीकृत कर दिया है।

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अब तक जिला एवं अनुमंडल अस्पताल में थी यह सुविधा

अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए जीविका समूह की दीदियों की रसोई में बने भोजन की आपूर्ति की योजना पिछले वर्ष प्रारंभ की गई थी। शुरुआती दौर में स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ जिला और अनुमंडल अस्पतालों के लिए योजना की स्वीकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सलाह पर स्वास्थ्य विभाग ने १० फरवरी २०२१ को योजना को सभी जिला और अनुमंडल अस्पतालों में प्रभावी किया। 

प्रयोग हुआ सफल, अब नई पारी शुरू करेंगी दीदियां

योजना के उत्साहजनक परिणाम आए। मरीजों के साथ डाक्टरों और अन्य मेडिकल स्टाफ को स्वच्छ और पौष्टिक भोजन मिलने लगा। एक वर्ष में योजना के सार्थक परिणाम आने के बाद अब सरकार ने मेडिकल कालेज अस्पतालों में भी  जीविका दीदी की रसोई प्रारंभ करने की अनुमति दी है। योजना की स्वीकृति अगले पांच वर्ष के लिए दी गई है। 

मेडिकल कालेजों में तीन महीने शुरू होगी योजना

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार विभाग की सहमति के साथ ही अगले तीन महीने में प्रदेश के सभी मेडिकल कालेज अस्पतालों में यह रसोई प्रारंभ करनी होगी। अस्पताल अधीक्षकों को यह जिम्मा दिया गया है कि वे योजना के लिए जीविका समूह से करार करें और अस्पताल परिसर में उन्हें रसोई के लिए स्थान मुहैया कराएं। जहां रसोई होगी, वहां बिजली पानी व अन्य संसाधन की व्यवस्था अस्पताल को करनी होगी। बिजली बिल का भुगतान जीविका दीदियां करेंगी। 

पांच वर्ष तक अस्पताल में अन्य कैंटीन की अनुमति नहीं

आदेश के अनुसार अस्पताल में जीविका दीदी की रसोई प्रारंभ होने के अगले पांच वर्ष तक अस्पताल परिसर में अन्य कैंटीन संचालित नहीं हो सकेगी। मरीज व मेडिकल स्टाफ को जीविका दीदी की रसोई का भोजन किस दर पर मिलेगा इसका निर्धारण अस्पताल करेगा। हालांकि सरकार ने अधिकतम भोजन दर १५० रुपये तय किए हैं। इसमें पांच वर्ष में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की जा सकेगी। 


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