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    सिर्फ मीठा खाने से नहीं होता डायबिटीज, और भी हैं कई कारण, संभल जाएं

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 24 Jun 2018 05:18 PM (IST)

    पटना [जेएनएन]। हम अक्सर अपने आस पास लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं कि ज्यादा मीठा मत खाओ, वरना शुगर

    सिर्फ मीठा खाने से नहीं होता डायबिटीज, और भी हैं कई कारण, संभल जाएं

    पटना [जेएनएन]। हम अक्सर अपने आस पास लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं कि ज्यादा मीठा मत खाओ, वरना शुगर हो जाएगा। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये लोग ऐसा क्यों कहते हैं। क्या वाकई में ऐसा होता है। क्या सच में ऐसा होता है या ये सिर्फ एक मिथ है। हालाकि यह बात बिल्कुल पूरी तरह सही है कि डायबिटीज के दौरान डॉक्टर मीठा न खाने की सलाह देते हैं क्योंकि मीठा खाने से डायबिटीज की समस्या बढ़ सकती है। लेकिन मीठा खाने से डायबिटीज का कुछ भी लेना देना नहीं है। डायबिटीज की वजह से शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण मिल जाता है।

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    डायबिटीज रोगियों को आखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम बात है। डायबिटीज होने के पीछे कई वजह हो सकती है। इस संबंध में डॉ. (कैप्टन) कृष्णानंद सहाय ने कहा कि किन कारणों से डायबिटीज हो सकता है और डायबिटीज और मीठे से क्या संबंध है इसके बारे में अवश्य ही जान लेना चाहिए।

    डॉ. (कैप्टन) कृष्णानंद सहाय ने कहा कि सबसे पहला मिथक है मीठा खाने से डायबीटीज का होना। यदि आप भी यही सोचते हैं तो यह गलत है। मीठा खाने से कभी भी डायबीटीज नहीं होती है। डायबीटीज होने के पीछे वंशानुगत और दूसरे कारण भी जिम्मेदार होते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन यह सच है कि डायबीटीज के मरीज की मीठा खाने से शुगर अनियंत्रित हो जाती है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज के मरीज को अक्सर सलाह दी जाती है कि उन्हें शुगर फ्री चीजें खानी चाहिए। जबकि मरीज का खाना शुगर फ्री ही नहीं बल्कि कैलोरी फ्री भी होना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आप खोया, क्रीम आदि की कैलरी का सेवन न करें।

    डॉ. सहाय ने कहा कि दो प्रकार के डायबिटिज होते हैं, टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटिज। इन दोनों डायबिटिज में आसानी से फर्क समझा जा सकता है। टाइप 1 डायबिटीज में, इंसुलिन-उत्पादन करने वाली कोशिकाएं आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा नष्ट हो जाती हैं। जबकि टाइप 2 डायबिटीज में आपका शरीर आपके पैनक्रियाज द्वारा उत्पादित होने वाले इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है। इन दोनों डायबिटिज में मीठा खाने का कोई लेना देना नहीं है। कहा कि डायबिटीज के मरीज को कम खाना चाहिए। भले ही थोड़े-थोड़े अंतराल पर खाएं पर खाएं जरूर।

    डॉ. सहाय ने कहा कि नींद पूरी न होना, कामकाज और बदलते लाइफस्टाइल के कारण लोग रात को देर से सोते हैं और सुबह भी जल्दी उठ जाते हैं। अर्थात पर्याप्त नींद न लेने की वजह से भी डायबिटीज की समस्या हो जाती है। उन्होंने कहा कि दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीना बहुत जरूरी होता है लेकिन पानी की कमी से शरीर हाइड्रेट नहीं हो पाता और ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। कहा, रात को देर से भोजन करने से शरीर को वजन बढ़ जाता है जिससे ब्लड शुगर लेवल असंतुलित हो जाता है और डायबिटीज की समस्या हो जाती है। जिन लोगों के शरीर का वजन ज्यादा होता है और वह इसके लिए कुछ नहीं करते तो भी यह समस्या हो जाती है। डॉ. सहाय ने कहा कि रोजाना कम से कम 30 मिनट तक एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। व्यायाम न करने की वजह से शरीर में इंसुलिन लेवल बढ़ जाता है जिससे डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। भोजन करने के तुरंत बाद मीठा खाने से ब्लड में शुगर की मात्रा तेजी से बढ़ती है और डायबिटीज की समस्या हो जाती है। उन्होंन कहा कि अपने आहार में पौष्टिक चीजें जैसे बींस, हरी सब्जिया और साबुत अनाज न लेने की वजह से भी यह समस्या हो जाती है। पैकेट बंद चिप्स और जंक फूड अधिक मात्रा में खाने की वजह से भी डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।

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