Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Dhanteras 2024: इस बार काफी खास होगा धनतेरस, ऋण से मिलेगी मुक्ति; बन रहा विशेष संयोग

    Updated: Tue, 22 Oct 2024 04:15 PM (IST)

    धनतेरस कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाएगा। प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि और मंगलवार होने से सुख-समृद्धि आरोग्यता और ऋण मुक्ति कारक भौम प्रदोष का संयोग बन रहा है। इस दिन भगवान नारायण स्वयं धन्वंतरि रूप में अवतरित हुए थे। धनतेरस पर माता लक्ष्मी कुबेर और धन्वंतरि देव की पूजा की जाती है। इस दिन ऋण मुक्ति के लिए भगवान शिव और हनुमान की विशेष पूजा की जाती है।

    Hero Image
    धनतेरस के दिन प्रदोष काल की पूजा सबसे उत्तम होगी।

    जागरण संवाददाता, पटना। कार्तिक मास का प्रमुख पर्व धनतेरस (Dhanteras 2024) कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी 29 अक्टूबर मंगलवार को भौम प्रदोष के सुयोग में मनाया जाएगा। इस दिन मंगलवार होने से इसकी महत्ता और बढ़ गई है। धनतेरस पर प्रदोष काल में त्रयोदशी तिथि व मंगलवार दिन होने से सुख-समृद्धि, आरोग्यता व ऋण मुक्ति कारक भौम प्रदोष का संयोग बना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दिन भगवान नारायण स्वयं धन्वंतरि रूप में अवतरित हुए थे। धनतेरस पर धन, ऐश्वर्य, वैभव व समृद्धि में वृद्धि की कामना से माता लक्ष्मी, कुबेर के साथ आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि देव की विधिवत पूजा-अर्चना होगी।

    पंडित राकेश झा ने बताया कि कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी पर प्रदोष काल में त्रयोदशी व मंगलवार दिन होने से ऋण मुक्ति कारक भौम प्रदोष का संयोग बन रहा है।

    उन्होंने कहा, इस दिन ऋण से छुटकारा पाने के लिए प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा और घी के नौ दीपक के साथ संकटमोचन हनुमान की पूजा के बाद ऋण विमोचन स्त्रोत्र का पाठ करने से जातक को ऋण से मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। शिव व हनुमान की विशेष आराधना से मानसिक व भौतिक संकटों से भी छुटकारा मिलता है।

    भौम प्रदोष व्रत का विशेष महत्व

    धनतेरस के दिन प्रदोष काल की पूजा सबसे उत्तम होगी। ज्योतिष आचार्य डॉ. राघव नाथ झा ने कहा कि इस काल में महादेव, कुबेर, धन्वंतरि, माता लक्ष्मी, नवग्रह के साथ संकटमोचन हनुमान की आराधना करना सबसे शुभ और उत्तम होगा। यह पर्व सुख-समृद्धि, आरोग्यता, मानसिक शांति के साथ ऋण मुक्ति का भी है।

    स्कंदपुराण के अनुसार, इस दिन प्रदोषकाल में यम के निमित तिल तेल का दीपक घर के बाहर दक्षिण मुख दिखाने से काल- संकट, रोग, शोक, भय, दुर्घटना, अपमृत्युनाश, अकाल मृत्यु से बचाव होता है। प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का विधान है।

    मंगलवार का दिन खास

    जब तिथि मंगलवार को पड़ती है तो इसे भौम प्रदोष कहा जाता है। जो ऋण मुक्ति के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस दिन भगवान शिव और हनुमान की विशेष उपासना लाभदायक होता है। प्रदोष काल, जो सूर्यास्त के पश्चात लगभग दो घंटे 24 मिनट की अवधि है। इस दिन पूजा के लिए सबसे उत्तम समय है।

    इन मंत्रों का करें जाप:

    ऋणहर्ता शिवस्त्री लोके, ऋणमुक्ति प्रदायकः।

    संकटेषु सदा भक्तानाम्, हनुमान् रक्षिता प्रभुः॥

    (अर्थ: भगवान शिव लोक में ऋण को हरने वाले हैं और ऋण मुक्ति प्रदान करने वाले हैं। संकटों के समय भगवान हनुमान सदा अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।)

    ये भी पढ़ें- Hindu Marriage: शादी के लिए 36 में से कितने गुण मिलना जरूरी, पूरे मिलने पर कैसा होता है वैवाहिक जीवन?

    ये भी पढे़ं- Diwali 2024: सपने में मां लक्ष्मी और गणेश जी को देखने से मिलते हैं ये शुभ संकेत, चमक सकती है किस्मत