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    पूजा पंडालों में भक्तों का रेला, मां की भक्ति में डूबा शहर, घरों में कन्या खिलाकर लोगों ने लिया आशिर्वाद

    Updated: Wed, 01 Oct 2025 03:08 PM (IST)

    पटना में दुर्गा पूजा की धूम है। बांसघाट काली मंदिर और अखंड वासिनी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। श्रद्धालुओं ने घरों और पंडालों में महागौरी की पूजा की। शहर के पूजा पंडालों और सड़कों पर लोगों का सैलाब उमड़ा। अष्टमी पर महिलाओं ने मां को खोईंछा भरा और कन्या पूजन किया गया।

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    पूजा पंडालों में भक्तों का रेला, मां की भक्ति में डूबा शहर

    जागरण संवाददाता, पटना। नवमी तिथि में बुधवार को देवी का विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं ने पूजन किया। नवमी के पूजन काे लेकर सुबह से लेकर शाम तक भक्तों की कतार पूजा पंडाल, शक्तिपीठ मंदिरों में लगी रही। घरों में भी श्रद्धालुओं ने मां सिद्धिधात्री पूजन किया। दुर्गा मंदिरों और पूजा पंडालों में महिलाओं ने मां दुर्गा के सामने धूप-दीप, सिंदूर-फूल आदि से मां की पूजा कर सुख, सौभाग्य, समृद्धि, संपत्ति आदि का वरदान मांगा। शहर के अंखड वासिनी मंदिर गोलघर, बांसघाट काली मंदिर, आयकर गोलंबर, पूर्वी लोहानीपुर स्थित माता मंदिर, मछुआ टोली, एसके पुरी समेत अन्य पूजा पंडालों में भक्तों की भीड़ रही।

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    सड़क पर आस्था का सैलाब 

    शाम ढलते ही शहर के पूजा पंडाल, लाइटिंग और मेला घूमने, मां का दर्शन, पूजन करने पटना की सड़कों पर बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार के साथ घूमने निकले। डाकबंगला चौराहे से लेकर आयकर गोलंबर के बीच रात्रि सात बजे के बाद श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया। भीड़ प्रबंधन के लिए डाकबंगला चौराहा पर आयोजन समिति के सदस्य माइक पर लोगों को आगे बढ़ते रहने, भीड़ नहीं लगाने जैसी हिदायतें मंच से दी जाती रही। कमोवेश माहौल शहर के सभी प्रमुख पूजा पंडालों के पास बनी रही।

    सड़क किनारे लगी दुकानों पर भीड़

    पटना की सड़कों पर बड़ी संख्या में चाट-पकौड़ी, गोलगप्पे की अस्थायी दुकानों में पंडाल घूमने वाले लोगों की भीड़ देखने को मिली। डाकबंगला चौराहे, कदमकुआं, राजा बाजार, शेखपुरा, बोरिंग रोड, बोरिंग कैनाल रो, राजापुर पुल, मीठापुर आदि इलाकों में लोग सड़कों पर देर रात तक घूमने के साथ मेले का भरपूर आनंद उठाया। सड़कों पर मौजूद आइस्क्रीम से लेकर मोमोज और चाय काफी, कोल्ड ड्रिंक्स की दुकानों पर लोग देर रात तक खाते पीते नजर आए।

    मां को लगाया गया खोईंछा

    मां की नवमी पूजा के साथ ही विदाई की तैयारियां भी शुरू हो गई। श्रद्धालु महिलाओं ने पूजा के बाद मां को खोईंछा भरा। मां की पूजा और खोईंछा भरने के लिए सुबह से दुर्गा मंदिरों, पूजा पंडालों और शक्तिपीठों में महिलाओं की कतार लगी रही। मां की पूजा और खोईंछा लगाने का कार्य दोपहर बाद तक चलता रहा। पंडित राकेश झा ने बताया की हमारी संस्कृति में बेटी की विदाई के पहले खोईछा लगाने की परंपरा रही है। खोईंछा में मंगलकामना के लिए खड़ी हल्दी, वंश वृद्धि के लिए दूब, घर में अन्न भरने को चावल, फल और आर्थिक समृद्धि के लिए पैसा दिया जाता है।

    महानवमी को कन्या पूजन

    पूजा स्थलों पर बुधवार नवमी तिथि को पूजन के बाद कुंवारी कन्या का पूजन किया गया। महानवमी के दिन ही संधि पूजा विधि-विधान के साथ किया गया। गुरुवार को दशमी पूजा एवं कलश विसर्जन किया जाएगा। वैदिक पद्धति से पूजन करने वाले श्रद्धालु बुधवार को नवमी के दिन कुंवारी पूजन, हवन, दुर्गा सप्तशती पाठ का समापन करेंगे।