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    हल्दी में मिलावट, लेड क्रोमेट से रंगकर बनाया जा रहा चमकदार; ऐसे करें असली और नकली में पहचान 

    Updated: Sat, 13 Dec 2025 08:55 PM (IST)

    हल्दी, जो आयुर्वेदिक औषधि और रसोई का महत्वपूर्ण मसाला है, मिलावट के कारण खतरनाक हो सकती है। पटना और आसपास के क्षेत्रों में हल्दी में लेड क्रोमेट की मि ...और पढ़ें

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    मिलावटी हल्दी से सावधान। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, पटना। आयुर्वेदिक औषधि के साथ‑साथ रसोई का अनिवार्य मसाला हल्दी स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी मानी जाती है, लेकिन यदि इसमें मिलावट हो तो यही हल्दी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।

    राजधानी समेत आसपास के इलाकों में मसालों की मिलावट के खिलाफ पूर्व में छापेमारी अभियान चला था, लेकिन अभियान के धीमा पड़ते ही हल्दी में मिलावट के मामले फिर सामने आने लगे हैं।

    खाद्य संरक्षा विभाग के अनुसार बाजार में उपलब्ध कुछ खड़ी और पिसी हल्दी को लेड क्रोमेट से रंगकर चमकदार पीला बनाया जा रहा है, जो अत्यंत खतरनाक रसायन है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने खाद्य पदार्थों में लेड क्रोमेट की मिलावट को गैरकानूनी और स्वास्थ्य के लिए घातक घोषित कर रखा है।

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    पटना एवं भोजपुर के खाद्य संरक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने बताया कि लेड क्रोमेट इतना विषैला होता है कि यदि चमकदार पीली खड़ी हल्दी को रातभर पानी में भिगोकर सुखाने और पिसाने के बाद भी उपयोग किया जाए, तब भी इसका जहरीला प्रभाव पूरी तरह समाप्त नहीं होता। इससे केवल विषाक्तता कुछ हद तक कम होती है।

    उन्होंने बताया कि अब व्यापारी केवल पिसी ही नहीं, बल्कि खड़ी हल्दी को भी लेड क्रोमेट से रंग रहे हैं। उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे या तो खेत से आने वाली मटमैले रंग की कच्ची हल्दी खरीदें, उसे अच्छी तरह सुखाकर पिसवाएं, या फिर केवल विश्वसनीय दुकानों और एफएसएसएआई प्रमाणित ब्रांड की हल्दी का ही उपयोग करें।

    क्या है लेड क्रोमेट

    लेड क्रोमेट लेड और क्रोमियम‑6 जैसे दो अत्यंत जहरीले भारी धातुओं से बना रासायनिक यौगिक है, जिसका उपयोग पेंट, डाई और प्लास्टिक उद्योग में किया जाता है। इसकी विषाक्तता इतनी अधिक होती है कि यह एक साथ मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र, लिवर, किडनी और प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल असर डालता है। क्रोमियम‑6 को कैंसरजन्य तत्व माना जाता है।

    स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव

    विशेषज्ञों के अनुसार लेड क्रोमेट के सेवन से सिरदर्द, चक्कर, याददाश्त कमजोर होना, पेट व फेफड़ों का कैंसर, लिवर‑किडनी को नुकसान, गर्भस्थ शिशु में विकृति और बच्चों के शारीरिक‑मानसिक विकास में बाधा जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

    कैसे पहचानें असली और मिलावटी हल्दी

    खाद्य संरक्षा विभाग के अनुसार असली हल्दी का रंग हल्का पीला या नारंगी होता है, जबकि मिलावटी हल्दी गहरे व चमकीले पीले रंग की होती है। शुद्ध हल्दी पानी में धीरे‑धीरे रंग छोड़ती है, जबकि लेड क्रोमेट मिली हल्दी तुरंत गाढ़ा पीला रंग छोड़ती है और तली में चमकदार कण दिखाई देते हैं।

    अजय कुमार ने कहा कि यदि किसी को हल्दी में मिलावट की आशंका हो तो इसकी शिकायत खाद्य संरक्षा विभाग से करें। पुष्टि होने पर दोषियों को 10 वर्ष तक की सजा और पांच लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने आमजन से सुरक्षित और शुद्ध खाद्य सामग्री के उपयोग की अपील की।