डेंगू के स्वदेशी वैक्सीन के लिए पटना में हो रहा परीक्षण, RMRIMS में 18-60 साल के व्यक्ति पर ट्रायल जारी
पटना में डेंगू के स्वदेशी वैक्सीन का परीक्षण राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान (RMRIMS) में चल रहा है। 18 से 60 वर्ष के स्वस्थ व्यक्ति ...और पढ़ें

डेंगू के स्वदेशी वैक्सीन के लिए पटना में हो रहा परीक्षण। फोटो जागरण
अहमद रजा हाशमी, पटना सिटी। डेंगू के इलाज के लिए अब तक कोई विशेष दवा नहीं है। मरीज के शरीर पर होने वाले प्रभाव को देखते हुए चिकित्सक पैरासिटामोल समेत सपोर्टिव ट्रीटमेंट करते हैं। आवश्यकता पड़ने पर प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है।
डेंगू के सटीक इलाज के लिए विकसित स्वदेशी वैक्सीन पर अगमकुआं स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान में 18 से 60 वर्ष के स्वस्थ व्यक्तियों पर परीक्षण किया जा रहा है। वैज्ञानिकों की टीम इस काम में दिन-रात लगी है।
दो साल के ट्रायल से आने वाले नतीजों के बाद देश में विकसित डेंगू का वैक्सीन मरीजों के लिए उपलब्ध हो जाएगा। आरएमआरआइ के निदेशक और देश के जाने माने वैज्ञानिक डॉ. कृष्णा पांडेय ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के नेतृत्व में डेंगू के स्वदेशी वैक्सीन पर परीक्षण पटना समेत देश के 19 केंद्रों पर जारी है।
अगमकुआं स्थित केंद्र पर चार सौ स्वस्थ व्यक्तियों पर डेंगू वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा। निदेशक ने बताया कि आइसीएमआर के नेतृत्व में नई दिल्ली के पैनेस बायोटेक द्वारा यह वैक्सीन विकसित किया गया है।
कालाजार के लिए एलएक्सई 408 टैबलेट पर ट्रायल
आरएमआरआइ में कालाजार मरीजों के लिए एलएक्सई 408 टैबलेट का ट्रायल 105 मरीजों पर किया जा रहा है। निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय ने बताया कि छह महीनों बाद इसका परिणाम आएगा। पूर्व में कालाजार के लिए एक कैप्सूल विकसित किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि बिहार समेत देश में कालाजार पर नियंत्रण पाया जा चुका है। तीन साल तक इस बीमारी के मरीजों पर नजर रखने की प्रक्रिया बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल में जारी है। 2026 के अंत तक योजना में पूर्ण सफलता मिलते ही विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अंतिम रूप से भारत को कालाजार मुक्त होने का प्रमाण पत्र प्राप्त हो जाएगा।
मलेरिया के लिए छह सौ प्रवासी मजदूरों पर परीक्षण जारी
मलेरिया के प्रसार को रोकने के लिए भी आरएमआरआइ में लिए गए छह सौ प्रवासी मजदूरों के नमूनों पर वैज्ञानिकों की टीम जांच व शोध कर रही है। निदेशक ने बताया कि यह सभी वह बाहरी मजदूर हैं जो पटना और मुजफ्फरपुर में चल रहे निर्माण कार्यों से जुड़े हैं। अब तक लगभग दस मजदूरों के नमूनों में जांच उपरांत मलेरिया होने का प्रमाण मिला है। उन्होंने बताया कि दो हजार मजदूरों पर यह परीक्षण किया जाना है।
आज 62वां स्थापना दिवस, डॉ. मिताली को मिलेगा अवार्ड
अगमकुआं स्थित आरएमआरआइ का 62वां स्थापना तीन दिसंबर को मनाया जाएगा। निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय ने बताया कि देशरत्न डा. राजेंद्र प्रसाद की 141वीं जयंती पर होने वाले इस समारोह में कोलकाता स्थित आइपीजीएमइआर में फार्माकालोजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. डॉ. मिताली चटर्जी को डा. राजेंद्र प्रसाद विशेष अवार्ड दिया जाएगा। मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित प्रो. डॉ. सी पी ठाकुर होंगे।

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