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    डेंगू से बचना है जरूर अपनाएं ये आसान उपाय, पटना के मरीजों में सामने आई राहत देने वाली बात

    Dengue Safety Tips पटना के नए इलाकों में पहुंचा डेंगू लगातार मिल रहे हैं नए मरीज लेकिन मरीजों में सामने आ रही एक राहत देने वाली बात। पटना के डाक्‍टर ने बताया डेंगू से बचने के लिए आसान उपाय

    By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Tue, 13 Sep 2022 11:21 AM (IST)
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    पटना में बढ़ रहे हैं डेंगू के मामले। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    पटना, जागरण संवाददाता। डेंगू मच्छरों ने पटना के नए मोहल्लों में पांव पसारना शुरू कर दिया है। सोमवार को 15 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई है। मलेरिया विभाग के अनुसार जिले में डेंगू रोगियों की संख्या 204 हो चुकी है। इनमें से कई रोगी नए मोहल्लों के हैं लेकिन अजीमाबाद और पटनासिटी अंचल अब भी हाट स्पाट बने हुए हैं। सोमवार को गुलजार बाग, पोस्टलपार्क, अगमकुआं, मंगल तालाब, नाला रोड, एग्जीबिशन रोड, बिस्कोमान कालोनी, बजरंग पुरी, संदलपुर आदि मोहल्लों के हैं। 

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    इन उपायों से कर सकते हैं बचाव 

    मलेरिया पदाधिकारी डा. सुभाष चंद्र प्रसाद ने बताया कि डेंगू वाहक एडीज मच्छरों को मारने के लिए 9.5 लीटर डीजल में आधा लिटर जहरीला टेक्निकल मैलाथियान मिलाया जा रहा है। इसकी चपेट में आने से वयस्क मच्छरों की मौत हो जाएगी। वहीं नए मच्छर नहीं बढ़ें इसके लिए जलजमाव वाली जगहों पर लार्वीसाइड्ल का छिड़काव किया जा रहा है। बावजूद इसके आमजन अपने घर में और आसपास पानी नहीं जमा होने दें। दिन में भी मास्कीटो रिपेलेंट का प्रयोग करें और फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर रहें। 

    डेंगू के अधिकांश मरीज डी-वन श्रेणी के, घबराएं नहीं 

    नालंदा मेडिकल कालेज अस्पताल के औषधि विभाग में सोमवार को डेंगू पर आधारित कार्यशाला डाक्टरों के बीच आयोजित की गयी। विभागाध्यक्ष डा. अजय कुमार सिन्हा ने कहा कि डेंगू के बढ़ रहे मरीजों में अधिकांश में डी-वन श्रेणी का संक्रमण है। घबराने की आवश्यकता नहीं है। ऐसे मरीज का प्लेटलेट्स दस हजार से नीचे जाने पर ही डाक्टर की सलाह पर प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए बात करें। उन्होंने कहा कि डेंगू के डी-टू श्रेणी का संक्रमण कम मिल रहा है।

    30 हजार से कम हो प्‍लेटलेट्स तो करें चिंता 

    ऐसे मरीजों में प्लेटलेट्स 30 हजार पहुंचने पर डाक्टर की सलाह लेकर प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए बात करें। कार्यशाला में उपस्थित पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. उमा शंकर प्रसाद, उपाधीक्षक डा. सतीश कुमार, डा. एस के आस्तिक, डा. बी पी आजाद, डा. संजय कुमार समेत अन्य ने डेंगू के लक्षण, इलाज एवं सावधानी पर बातचीत किया। उन्होंने मच्छरदानी में ही सोने, आसपास जल जमाव व गंदगी न जमा होने देने, निगम द्वारा फौङ्क्षगग एवं छिड़काव किए जाने को जरूरी बताया।