Dengue Mosquito: डेंगू मच्छरों के निशाने पर पुरुष, युवाओं की संख्या सबसे अधिक; इन बातों का रखें ध्यान
पटना में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा है जहां मंगलवार को 13 नए मामले सामने आए जिससे कुल संख्या 414 हो गई है। युवाओं में संक्रमण अधिक है। स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में जांच सुविधा प्रदान कर रहा है। अगस्त में सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए और सितंबर-अक्टूबर में और बढ़ने की आशंका है। डॉक्टरों ने लक्षणों के दिखने पर तत्काल चिकित्सा सलाह लेने की सलाह दी है।

जागरण संवाददाता, पटना। राजधानी में डेंगू वाहक एडीज इजिप्ट मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। डेंगू व चिकनगुनिया रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मंगलवार को 13 नए मरीज मिले हैं। इसके साथ ही डेंगू रोगियों का आंकड़ा 414 पर पहुंच गया है। महिलाओं की तुलना में करीब ढाई गुना पुरुष डेंगू संक्रमित हो चुके हैं। अबतक 289 पुरुष व 125 महिलाएं इसकी चपेट में आ चुकी हैं। रोगियों में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है।
जांच के लिए रोगियों को रास आ रही सरकारी लैब:
स्वास्थ्य विभाग ने छह सरकारी अस्पतालों में एलाइजा विधि से डेंगू जांच की सुविधा उपलब्ध कराई है। इसके अलावा अन्य सभी अस्पतालों में किट से स्क्रीनिंग की सुविधा है।
यही कारण है कि 414 में से 316 डेंगू मरीजों में संक्रमण की पुष्टि पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स पटना, आरएमआरआइ, न्यू गार्डिनर रोड, आइजीआइएमएस व एलएनजेपी में हुई है। वहीं जयप्रभा मेदांता, पारस एचएमआरआइ, मेडिवर्सल, कुर्जी हास्पिटल, एशियन सिटी, गीतांजलि, सेन, लाल, प्रभात व टाटा वन एमजी में 98 रोगी मिले हैं।
उम्र व माहवार रोगियों की संख्या:
डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित 21 से 30 वर्ष के युवा हैं। इस आयुवर्ग के अबतक 170 मरीज मिल चुके हैं जबकि 11 से 20 आयुवर्ग के 100 मरीज मिले हैं। वहीं शून्य से 0 आयुवर्ग के 30 बच्चे इसकी चपेट में आ चुके हैं। अगस्त में सबसे ज्यादा 218 तो सितंबर में अब तक 119 मरीज मिल चुके हैं।
जनवरी से जून तक 53 व जुलाई में 24 मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य विभाग को आशंका है कि सितंबर व अक्टूबर में डेंगू के मामले और बढ़ सकते हैं। इसे देखते हुए सिविल सर्जन ने आमजन से सावधानी बरतने की अपील की है।
डेंगू के लक्षण
- तेज बुखार, बदन, सिर, आंखों के पीछे और जोड़ों में तेज दर्द।
- त्वचा पर लाल चकत्ते-धब्बे या चकत्ते के निशान।
- नाक-मसूढ़ों या उल्टी के साथ रक्तस्राव।
- काला पाखाना होगा।
- यदि ये लक्षण हों तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, सभी रोगियों को भर्ती होने की जरूरत नहीं। समय पर उपचार से रोगी पूर्णत: स्वस्थ हो जाते हैं।
याद रखें: तेज बुखार होने पर एस्प्रिन या ब्रुफेन जैसी दर्द निवारक गोलियों के बजाय सुरक्षित पारासिटामोल ही लें।
बचाव के उपाय:
- दिन में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- दिन में भी मास्कीटो रिपेलेंट लिक्विड या क्रीम का प्रयोग करें।
- पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनकर रहें और सभी कमरों को साफ-सुथरा व हवादार बनाए रखें।
- टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर-एसी, फ्रिज के पानी, पानी की टंकी ढंक कर रखें और आसपास पानी नहीं जमा होने दें।
- गमले आदि जहां रखें हों वहां काला हिट का छिड़काव करें।
- घर के आसपास साफ-सफाई रखें और पानी जमा हो तो दवा का छिड़काव करें।
- गमला, फूलदान आदि का पानी हर दिन बदलें।
- जमे पानी पर केरोसिन का छिड़काव करें।
- दुकानदार भी आसपास पड़े डिब्बों में पानी जमा नहीं होने दें।
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