Delicacies of Bihar: दाल भात भुजिया से मटन चावल तक, पूरे देश को लुभा रहा बिहार का स्वाद
बिहार के पारंपरिक भोजन का स्वाद अब पूरे देश में फैल रहा है। पर्यटन विभाग ने 'डेलिकेसीज ऑफ बिहार' नाम से तीन खास व्यंजनों को पेश किया है: मटन चावल, दाल-भात आलू भुजिया और मिथिला स्टाइल माछ भात। ये व्यंजन अपने अनूठे स्वाद, घरेलूपन और प्राकृतिक मसालों के उपयोग के लिए जाने जाते हैं। बिहार की खानपान संस्कृति परंपरा और विरासत का प्रतीक है।

डिजिटल डेस्क, पटना। पारंपरिक खान-पान की समृद्ध विरासत को संजोए बिहार के फूड आज देशभर में अपनी सुगंध और असाधारण स्वाद के लिए प्रसिद्ध हो रहे हैं। घर-आंगन में सदियों से बनते भोजन की मिट्टी की महक और देसी मसालों की रौनक अब बिहार से बाहर भी लोगों की थाली तक पहुंच रही है। बिहार की लिट्टी चोखा से लेकर चंपारण हांडी तक की खुशबू देश के कोने-कोने तक पहुंच गई है।
हाल ही में बिहार सरकार की टूरिज्म विभाग ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर Delicacies of Bihar नाम से एक पोस्ट शेयर की, जिसमें बिहार के तीन प्रमुख फूड्स को शामिल किया है। इस पोस्ट के साथ @tourismbihargov ने कैप्शन में लिखा कि बिहार के व्यंजनों में विशिष्ट स्वाद और प्रामाणिकता समाहित है। क्या आप बिहार के व्यंजनों की मनमोहक सुगंध और असली स्वाद का आनंद लेने के लिए तैयार हैं? ऐसे में आइए इन तीनों फूड्स को एक-एक कर के जानते हैं।
बिहार के तीन प्रमुख फूड, जिन्होंने लोगों के स्वाद और चर्चा दोनों में खास जगह बनाई है-
- मटन चावल– देसी मसालों और धीमी आँच पर पकाए गए रसीले मटन की खुशबू जब सादे या तड़केदार चावल से मिलती है, तो स्वाद ऐसा होता है जो पहली बाइट में ही मन मोह ले।
- दाल-भात आलू भुजिया– बिहार का सबसे सरल, सबसे सुकून भरा भोजन। उबलती दाल, भाप उड़ाता भात और हल्के मसालों में बनी आलू भुजिया। यह फूड होने के साथ-साथ घर की याद दिलाने वाला स्वाद है।
- मिथिला स्टाइल माछ भात– सरसों की तासीर और मसालों का अद्भुत संतुलन लिए माछ का झोल भात के साथ जब परोसा जाता है, तो हर निवाला स्वाद का उत्सव बन जाता है। मिथिला का यह विशेष व्यंजन पूर्वांचल की पहचान माना जाता है।
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गौरतलब है कि बिहार के फूड की लोकप्रियता का कारण उनका घरेलूपन, प्राकृतिक मसालों का उपयोग और क्षेत्रीय अंदाज में पकाने की शैली है। आज रेस्टोरेंट से लेकर फूड फेस्टिवल तक हर जगह बिहार का खाना सुर्खियां बटोर रहा है।
बिहार की खानपान संस्कृति सिर्फ स्वाद नहीं बल्कि परंपरा, विरासत और भावनाओं से भी भरी है। स्वाद की मिट्टी में रचा-बसा बिहार आज देश को अपनी थाली से जोड़ रहा है।

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