पटना पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विधानसभा चुनाव के लिए विजय संकल्प लेगी भाजपा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार की सुबह राजधानी पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी आदि नेताओं ने उनका स्वागत किया। राजनाथ ज्ञान भवन में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक का उद्घाटन करेंगे। इस दौरान विधानसभा चुनाव के क्रम में कार्यसमिति द्वारा राजनीतिक प्रस्ताव के साथ विजय संकल्प प्रस्ताव भी पारित होना है।

राज्य ब्यूरो, पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार की सुबह राजधानी पहुंचे। पटना एयरपोर्ट पर बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, सांसद रविशंकर प्रसाद, मंत्री नितिन नवीन आदि नेताओं ने उनका स्वागत किया।
राजनाथ ने राजधानी के राजनाथ ज्ञान भवन में भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक का उद्घाटन किया। इस दौरान विधानसभा चुनाव के क्रम में कार्यसमिति द्वारा राजनीतिक प्रस्ताव के साथ विजय संकल्प प्रस्ताव भी पारित होना है। दो सत्रों वाली कार्यसमिति की बैठक एक दिवसीय है।
बैठक के दौरान बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के अपमान पर निंदा प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। भाजपा का कहना है कि अपनी जन्मतिथि पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पैरों के पास आंबेडकर की तस्वीर रखकर महापुरुष के साथ समाज विशेष का अपमान किया है।
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से पिछले 11 वर्षों में बिहार को क्या कुछ मिला, प्रदेश कार्यसमिति में उससे संबंधित प्रस्ताव भी प्रस्तुत होगा। इसके अलावा चुनावी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण पहलुओं पर विचार-विमर्श संभावित है।
छह को पटना में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल
चुनावी वर्ष में भाजपा के प्रमुख नेताओं के बिहार दौरे का क्रम इस माह से कुछ और गति पकड़ेगा। इस कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा छह जुलाई को पटना आने वाले हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद पटना का यह उनका पहला दौरा होगा। इसकी जानकारी पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने दी है।
भजनलाल एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पटना आ रहे हैं। हालांकि, वे पार्टी की बिहार इकाई के शीर्ष नेताओं से शिष्टाचार भेंट भी करेंंगे। उस दौरान विधानसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा स्वाभाविक है। राजस्थान में बिहार के प्रवासियों की अच्छी-खासी संख्या है। उन्हें साधने का अघोषित दायित्व भजनलाल को पहले से ही मिला हुआ है। संभव है कि शिष्टाचार भेंट में उससे संबंधित रणनीति पर विचार-विमर्श हो।
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