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    राग कलावती के साथ शास्त्रीय नृत्य का फ्यूजन

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 30 Apr 2018 01:24 AM (IST)

    विश्व नृत्य दिवस पर भारतीय नृत्य कला मंदिर में 'नृत्य-विहार' कार्यक्रम का आयोजन। शास्त्रीय नृत्य की ...और पढ़ें

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    राग कलावती के साथ शास्त्रीय नृत्य का फ्यूजन

    विश्व नृत्य दिवस पर भारतीय नृत्य कला मंदिर में 'नृत्य-विहार' कार्यक्रम का आयोजन

    शास्त्रीय नृत्य की पारंपरिक वेशभूषा में सजे कलाकारों की उम्दा प्रस्तुति दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। मंच पर ओडिसी, कथक, भरतनाट्यम आदि नृत्य की छटा देखते बन रही थी। पारंपरिक और आधुनिक शैलियों में नृत्य की उम्दा प्रस्तुति रविवार को भारतीय नृत्य कला मंदिर के प्रेक्षागृह में देखने को मिली। विश्व नृत्य दिवस के अवसर पर कला संस्कृति एवं युवा विभाग के सौजन्य से 'नृत्य-विहार' कार्यक्रम के अंतर्गत बिहार के वरिष्ठ कलाकार दिवस पर पहली बार एक साथ मंच पर प्रस्तुति दे रहे थे।

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    शास्त्रीय संध्या पर बिहार में शास्त्रीय नृत्य में अपनी पहचान बनाने वाले कलाकारों में प्रो. तमाल पात्रा, डॉ. रमा दास, नीलम चौधरी, संगीता रमण कुट्टी, ताराशंकर धीर, अर्चना चौधरी, रश्मि चौधरी, पल्लवी विश्वास, यामिनी, कृष्ण कुमार अनिरुद्ध, राजीव एवं विजय कुमार मिश्र आदि कलाकारों ने मंच पर एक-एक कर अपनी उम्दा प्रस्तुतियों से नृत्य दिवस को यादगार बनाया दिया।

    पारंपरिक शास्त्रीय नृत्य से गुलजार हुआ परिसर

    नृत्य दिवस के मौके पर भारतीय नृत्य कला मंदिर के प्रेक्षागृह शास्त्रीय नृत्य की चादर में लिपटा था। मंच पर शास्त्रीय नृत्य के विरासत को संभालने वाले कलाकार अपनी प्रस्तुतियों से नृत्य की बारीकियों के साथ प्रकृति, पुरुष, जीवन चक्र आदि को बखूबी के साथ अपने भाव भंगिमा से बयां करने में लगे थे। कार्यक्रम का आरंभ नृत्य कला मंदिर के ओडिसी नृत्य की गुरु प्रो. तमाल पात्रा ने भगवान गणेश की वंदना नृत्य के जरिए पेश कर दर्शकों का दिल जीता। पात्रा ने भगवान गणेश का मंगलाचरण ओडिसी नृत्य की पारंपरिक शैली में पेश कर अतिथियों का अभिवादन किया। कृष्ण कुमार व अनिरुद्ध ने कथक नृत्य में जुगलबंदी कर अपने भाव-भंगिमा से लोगों का दिल जीता।

    भाव नृत्य से लूटी महफिल

    जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे की ओर बढ़ता जा रहा था मंच पर कलाकारों की उम्दा प्रस्तुति देखते बन रही थी। कथक नृत्य में अपनी पहचान बनाने वाली नृत्यांगना प्रो. रमा दास की प्रस्तुति देखने के दर्शक दीर्घा में बैठे लोग बेताब थे। मंच पर दास ने कथक नृत्य के पारंपरिक रूप में ठाठ, आमद, टुकड़ा, परन एवं भजन पर भाव-नृत्य को पेश कर दर्शकों को दिल जीता। कलाकारों की एकल प्रस्तुति और जुगलबंदी देखते बन रही थी। मंच पर कलाकार संगीता रमण कुट्टी तथा तारा शंकर धीर ने भरतनाट्यम को जुगलबंदी के साथ पेश कर दर्शकों का मन जीत लिया। नृत्यांगना नीलम चौधरी ने कथक नृत्य के अंतर्गत ठुमरी पर भाव नृत्य पेश कर लोगों का दिल जीता। कार्यक्रम समापन पूर्व वरिष्ठ नृत्यांगना पल्लवी विश्वास ने कथक नृत्य शैली में सरस्वती वंदना और तराना को राग कलावती तीन ताल में पेश कर दर्शकों का खूब मनोरंजन कराया। राजीव एवं विजय कुमार मिश्रा ने कथक की उम्दा शैलियों को जरिए लोगों को दिल जीता।

    संगत कलाकारों का उम्दा रहा प्रदर्शन - संगत कलाकारों ने दिवस को यादगार बनाने में उम्दा प्रस्तुति कर दर्शकों का दिल जीता। संगत कलाकारों में हारमोनियम पर देवानंद ठाकुर, सितार पर नीरज मिश्रा एवं तबले पर शांतनु राय आदि कलाकारों ने प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीता।