25 KM दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर से सुधरेगी कनेक्टिविटी
पटना में 25 किलोमीटर लंबे दानापुर-बिहटा एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण से कनेक्टिविटी में सुधार होगा। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले इस प्रोजेक्ट के बारे ...और पढ़ें

दानापुर-बिहटा एलिवेटेड रोड के बारे में जानकारी लेते पथ निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल। सौ-विभाग
राज्य ब्यूरो, पटना। Danapur-Bihta Elevated Corridor: दानापुर से बिहटा के बीच बन रहा एलिवेटेड काॅरिडोर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शीर्ष प्राथमिकता की परियोजना में शामिल है
पथ निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने शनिवार को इस प्रोजेक्ट का स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में जो बाधा आ रही है उसे तुरंत दूर किया जाए। काम को समय से पूरा किए जाने का भी उन्होंने निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान पथ निर्माण विभाग के सचिव को प्रोजेक्ट की प्रगति, निर्माण की स्थिति और तकनीकी चुनौतियों से जुड़ी जानकारी दी गई। सचिव ने अधिकारियों निदेशित किया कि जहां भी बाधा हो उसे तुरंत दूर किया जाए और परियोजना के निर्माण कार्य की गति तेज रखी जाए।
अगले वर्ष पूरा हो जाएगा काम
उन्होंने कहा कि परियोजना को निर्धारित समय सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण करें। एजेंसी ने पहले से निर्धारित समय सीमा सितंबर 2026 तक परियोजना को पूर्ण करने का आश्वासन दिया।
पाल ने कहा कि इस एलिवेटेड रोड के बन जाने से पटना–बिहटा एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी पूरी तरह बदल जाएगी, इसलिए गुणवत्ता और समयसीमा पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
उन्होेंने कहा कि इस परियोजना के पूर्ण होने से कोईलवर से दानापुर तक यातायात सुगम होगा और सुचारु रूप से वाहनों का परिचालन होने से समय की भी बचत होगी।
IIT पटना का आवागमन भी होगा सुगम
यह परियोजना आईआईटी पटना के आवागमन को भी सुगमता प्रदान करेगी। साथ ही, आरा, दानापुर रेलवे स्टेशन से फुलवारी शरीफ, अनीशाबाद सहित पटना शहर की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।
इस एलिवेटेड काॅरिडोर की लंबाई लगभग 25 किलोमीटर है, जो दानापुर रेलवे स्टेशन से शुरु होकर कोईलवर ब्रिज को संपर्कता प्रदान करेगी।
इस परियोजना की लागत 1969.39 करोड़ रुपये है। एलिवेटेड पथ फोरलेन का होगा, जिसमें चार बाईपास (नेऊरागंज, पैनाल, कन्हौली और विशुनपुरा) होंगे। यह पटना-बक्सर फोरलेन सड़क का अहम हिस्सा है।
यह परियोजना पटना क्षेत्र में यातायात जाम की समस्या को काफी हद तक कम करेगी तथा क्षेत्रीय विकास को नई गति प्रदान करेगी। बता दें कि पटना से दिल्ली की यात्रा का समय भी इससे करीब दो घंटे कम हो जाएगा।

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