Cyber Fraud: 10 लाख जी-मेल अकाउंट मामले की जांच में जुटी ईओयू, आया नेपाल कनेक्शन
पूर्वी चंपारण में साइबर ठगों के पास से मिले दस लाख जीमेल अकाउंट में अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सामने आया है। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में गिरोह का नेपाल कनेक्शन होने का संदेह है। आशंका है कि ईमेल पासवर्ड मोबाइल नंबर सट्टेबाजी के लिए उपयोग किए गए। पुलिस डेटा आपूर्तिकर्ता को ढूंढ रही है और सुरक्षा उल्लंघन की जांच कर रही है।

राज्य ब्यूरो, पटना। पूर्वी चंपारण में साइबर ठगों के पास से मिले करीब दस लाख जी-मेल अकाउंट मामले में अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन सामने आया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई ने भी अनुसंधान शुरू कर दिया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्राथमिक जांच में साइबर गिरोह का नेपाल कनेक्शन सामने आया है। आशंका है कि नेपाल में वैध ऑनलाइन कसीनो और सट्टेबाजी से जोड़ने को लेकर लोगों से उनका ई-मेल अकाउंट, पासवर्ड और मोबाइल नंबर वॉट्सऐप, फेसबुक, यूट्यूब, टेलीग्राम ग्रुप आदि माध्यम से प्राप्त किया गया है।
साइबर ठगी की काली कमाई को सट्टेबाजी में डाल कर सफेद किए जाने के खेल की भी संभावना जताई जा रही है। मोतिहारी पुलिस को यह जी-मेल अकाउंट साइबर ठगों के कंप्यूटर उपकरण व पेन ड्राइव में सुरक्षित मिले थे।
सूत्रों के अनुसार, साइबर अपराधियों को जिस आदमी ने डेटा उपलब्ध कराया, उसे चिह्नित कर लिया गया है। उसकी तलाश की जा रही है।
उसकी गिरफ्तारी के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि इतनी बड़ी संख्या में पासवर्ड सहित जी-मेल अकाउंट व मोबाइल नंबर कहां से मिले और उनका क्या उपयोग किया जाना था? इसकी भी जांच की जा रही है कि साइबर अपराधियों ने किसी कंपनी की सिक्यूरिटी ब्रीच (सुरक्षा का उल्लंघन) का फायदा उठा कर तो यह डेटा तो नहीं चुराया है।
पता लगाया जा रहा है कि यह जी-मेल अकाउंट किन मोबाइल नंबरों से एक्टिव हुए और यह मोबाइल नंबर किन-किन कंपनियों के द्वारा जारी किए गए। इसके लिए दूरसंचार विभाग से भी सहयोग लिया जा रहा है। मालूम हो कि एक सप्ताह पूर्व मोतिहारी पुलिस की कार्रवाई में बड़ी संख्या में जी-मेल अकाउंट और अन्य डाटा पुलिस को बरामद हुए थे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।