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    Patna Crime: साइबर धोखाधड़ी के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट की जांच के लिए पहुंची CBI, छापेमारी जारी

    By Rajat Kumar Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 23 Jul 2025 09:16 AM (IST)

    सुपौल से हर्षित की गिरफ्तारी के बाद सामने आए साइबर अपराध सिंडिकेट की जांच अब सीबीआई भी करेगी। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के साथ मिलकर सीबीआई के अधिकारी मामले की तहकीकात करेंगे। हर्षित के बैंक खातों और लेन-देन की जांच जारी है। एडीजी ने एसपी साइबर के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया है जो साक्ष्यों का सत्यापन करेगी और छापेमारी करेगी।

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    साइबर अपराध सिंडिकेट की जांच अब सीबीआई भी करेगी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। सुपौल से हर्षित की गिरफ्तारी के बाद उजागर हुए साइबर अपराधियों के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट की जांच का दायरा और बढ़ेगा। बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) इस मामले में लगातार जांच और छापेमारी कर रही है, अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भी जांच में सहयोग के लिए पहुंच गई है।

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    ईओयू सूत्रों के अनुसार, सीबीआई के डीएसपी रैंक के अधिकारी मंगलवार को पटना पहुंच गए हैं। बुधवार से सीबीआई की टीम ईओयू से पूरे मामले की जानकारी ले सकती है।

    ईओयू ने इस पूरे गिरोह के मास्टरमाइंड हर्षित से पूछताछ की तैयारी भी शुरू कर दी है। हर्षित फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है। ईओयू ने उसकी रिमांड के लिए अर्जी दी है, इस पर जल्द ही सुनवाई हो सकती है। इसके साथ ही हर्षित के बैंक खातों और अन्य लेन-देन की भी जांच की जा रही है।

    एडीजी ने एसपी साइबर के नेतृत्व में बनाई विशेष टीम

    एडीजी नैयर हसनैन खान ने हर्षित से जुड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के सिंडिकेट की विस्तृत जांच के लिए एक विशेष टीम बनाई है। इसकी कमान एसपी साइबर विनय तिवारी को सौंपी गई है। इसके साथ ही, इस टीम में सात-आठ अन्य अधिकारी भी शामिल हैं।

    ईओयू के डीआईजी इसकी निगरानी करेंगे। यह विशेष टीम अब तक मिले साक्ष्यों के सत्यापन से लेकर बैंक खातों के सत्यापन आदि का ब्योरा जुटाकर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी। इसके अलावा आगे की जांच और छापेमारी भी की जाएगी।

    गिरोह से जुड़े लोगों की तलाश में जुटी ईओयू

    ईओयू ने हर्षित से जुड़े पूरे रैकेट की जांच शुरू कर दी है। इस गिरोह में शामिल सभी लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्हें पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया जा रहा है।

    सूत्रों के अनुसार, बिहार के विभिन्न जिलों के अलावा, ईओयू की टीम झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, यूपी आदि राज्यों की पुलिस के संपर्क में भी है। खासकर झारखंड के पाकुड़ से गिरोह को मिले एक हजार से अधिक सिम कार्ड कैसे एक्टिवेट हुए और उन्हें खरीदने में किन लोगों की सक्रिय भूमिका रही, इन सब बातों की जांच की जा रही है।

    इस गिरोह में शामिल अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए कई जगहों पर लगातार छापेमारी की जा रही है। संदिग्ध स्थानों की पहचान की जा रही है और विशेष रूप से गहन तलाशी ली जा रही है।