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    Cyber Crime: साइबर अपराध में तीसरे स्थान पर बिहार और झारखंड, 80 प्रतिशत मामलों में ये छह राज्य है शामिल

    By Jagran News Edited By: Paras Pandey
    Updated: Wed, 03 Jan 2024 02:15 AM (IST)

    देवघर में 10 प्रतिशत जामताड़ा में 9.1 प्रतिशत गुरुग्राम से 8.1 प्रतिशत जबकि नवादा और नालंदा से 7.3 प्रतिशत साइबर ठगी की घटनाएं दर्ज की जा रही हैं। बिहार के सभी जिलों में हैं साइबर थाना साइबर अपराध की रोकथाम और त्वरित कार्रवाई के लिए राज्य के सभी जिलों में साइबर थाना खोला गया है। एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई में 24 घंटे का काल सेंटर 1930 शुरू किया गया है।

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    80 प्रतिशत साइबर ठगी के मामले छह राज्यों के 15 जिलों में हो रहे दर्ज

    राज्य ब्यूरो, पटना। देश में साइबर ठगी की घटनाओं के करीब 80 प्रतिशत मामले छह राज्यों के पंद्रह जिलों से आ रहे हैं। इनमें राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। साइबर अपराध में पश्चिम बंगाल पहले, उत्तर प्रदेश दूसरे जबकि बिहार-झारखंड का इलाका तीसरे स्थान पर है।

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    आइआइटी कानपुर से जुड़ी द फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (एफसीआरएफ) की रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, बिहार का नवादा और झारखंड का जामताड़ा ओटीपी के माध्यम से बैंकों से पैसा उड़ाने के लिए कुख्यात है।

    राजस्थान के भरतपुर में सेक्सटाशर्न और हनीट्रैप के मामले अधिक हैं, तो बंगाल फर्जी सिम पर स्कैम करने के मामले में आगे है। बिहार में कई जिले साइबर ठगी के हाटस्पाट हैं। राज्य में नालंदा, नवादा, जमुई, पटना, शेखपुरा और गया जिले में साइबर अपराध के मामले सर्वाधिक दर्ज किए जा रहे हैं।

    रिपोर्ट के अनुसार, साइबर अपराध में राजस्थान का भरतपुर जिला शीर्ष स्थान पर है, जहां 18 प्रतिशत ठगी की जा रही है। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला 12 प्रतिशत घटनाओं के साथ दूसरे स्थान पर है। 

    वहीं देवघर में 10 प्रतिशत, जामताड़ा में 9.1 प्रतिशत, गुरुग्राम से 8.1 प्रतिशत जबकि नवादा और नालंदा से 7.3 प्रतिशत साइबर ठगी की घटनाएं दर्ज की जा रही हैं। बिहार के सभी जिलों में हैं साइबर थाना साइबर अपराध की रोकथाम और त्वरित कार्रवाई के लिए राज्य के सभी जिलों में साइबर थाना खोला गया है।

    साइबर अपराध की नोडल एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई में 24 घंटे का काल सेंटर 1930 शुरू किया गया है, जहां 150 पुलिस पदाधिकारी 24 घंटे कार्यरत रहते हैं। शिकायतों के आधार पर साइबर अपराध में इस्तेमाल किये गये लगभग 4000 मोबाइल नंबरों को बिहार पुलिस ने ब्लाक भी कराया है।