Coronavirus: भारत में फिर पैर पसार रहा कोरोना वायरस, मगर बिहार में नहीं हो रही जांच
चीन और थाईलैंड के बाद कोरोना वायरस अब 12 राज्यों में फैल चुका है। पटना में अभी तक कोरोना जांच शुरू नहीं हुई है अधिकारी स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। सिविल सर्जन का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि अधिकांश लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। फिर भी मधुमेह और हृदय रोगियों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, पटना। चीन, सिंगापुर, थाईलैंड के बाद कोरोना वायरस (Coronavirus) अब भारत के कई राज्यों में दस्तक दे चुका है। केरल, तमिलनाडु व महाराष्ट्र जैसे राज्यों में तो यह तेजी से फैल रहा है। दूसरी ओर, प्रदेश की राजधानी में अबतक कोरोना जांच की शुरुआत नहीं हुई है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर के पटना स्थित राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस यानी आरएमआरआई के निदेशक डॉ. कृष्णा पांडेय ने बताया कि अभी उनके यहां कोरोना की आरटीपीसीआर जांच नहीं हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग से अभी इस बाबत कोई दिशा-निर्देश भी नहीं मिले हैं। वहीं पटना के सिविल सर्जन डा. अविनाश कुमार सिंह का कहना है कि पटना व प्रदेश के अधिसंख्य लोगों में वैक्सीन या पूर्व संक्रमण के कारण कोरोना के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी है। ऐसे में न तो घबराने की जरूरत है और न ही फिलहाल इसकी जांच कराने की। हालांकि, उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें स्वास्थ्य विभाग से इस बाबत कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। यदि मिलती है तो उसके अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
12 राज्यों से बड़ी संख्या में हर पटना आते लोग:
देश में कोरोना मरीज केरल, तमिलनाड़, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, राजस्थान व कर्नाटक जैसे राज्यों में मिले हैं। यहां से हर दिन बड़ी संख्या में यात्री पटना आते-जाते हैं। ऐसे में उनके साथ आया कोरोना वायरस घर या आसपास के कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए घातक हो सकता है।
मुंबई में एक किशोरी समेत दो लोगों की कोरोना से मौत की बात कही जा रही है। हालांकि, सरकार ने अभी इन्हें कोरोना से मृत्यु घोषित नहीं किया है। भारत सरकार ने इस नए जेएन-1 वैरियंट को लेकर गाइडलाइन जारी की है लेकिन राज्य के चीफ सर्विलांस पदाधिकारी डा. अजय कुमार शाही ने वरीय पदाधिकारियों की अनुमति के बिना कुछ भी बताने में असमर्थता दिखाई।
जेएन-1, वैरियंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित:
कोरोना का नया जेएन 1 वैरियंट, ओमिक्रोन परिवार का ही सब वैरियंट है। जेएन1 के सब वैरिएंट्स एलएफ-7 व एनबी1.8 विदेशों में तेजी से संक्रमण फैलने के लिए जिम्मेदार हैं। कोरोना वायरस म्यूटेशन के कारण संक्रमण फैलाने, रोग की गंभीरता में बदलाव होता है।
डब्ल्यूएचओ ने इसे वैरियंट आफ इंटरेस्ट (वीओआई) घोषित किया है। हमारे देश के परिप्रेक्ष्य में आइसीएमआर हर वैरियंट के बारे में गाइडलाइन जारी करता है, हम उसका इंतजार कर रहे हैं।
डब्ल्यूएचओ ने अबतक एटा, आईओटा, लैम्ब्डा, म्यू को ही वेरियंट आफ इंटरेस्ट घोषित किया है। हालांकि यह वेरियंट आफ कंसर्न की तरह सिद्ध खतरा, तेज व बड़े पैमाने पर फैलने वाला, गंभीर प्रकृति का नहीं है।
सामान्य लक्षण, गर्भवती, बीमार लोग रहे सावधान:
कोरोना की दो लहरों में एनएमसीएच के नोडल पदाधिकारी रहे डा. अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि इस वैरियंट के लक्षण भी बुखार, खांसी, गले में खराश, सिरदर्द, थकान-मांसपेशियों में दर्द, भूख में कमी, दस्त, पाचन संबंधी समस्याएं ही हैं।
इसके अलावा गंध-स्वाद जाना, नाक बंद, उल्टी, आंखों में जलन, गले में चुभन, नींद की समस्या हो सकती है। मधुमेह, थायराइड, हृदय के रोगी, गर्भवती महिलाएं या वैक्सीन की दोनों डोज नहीं लेने वाले भी एहतियात बरतें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, सर्दी-जुकाम से पीड़ित लोगों से दूरी, हाथों की स्वच्छता व शारीरिक दूरी का ध्यान रखें।
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