नगर पंचायत पार्षद पर शपथ पत्र में तथ्य छुपाने का आरोप, निर्वाचन आयोग ने किया पदमुक्त
एक नगर पंचायत पार्षद को शपथ पत्र में तथ्य छुपाने के आरोप में निर्वाचन आयोग ने पदमुक्त कर दिया है। पार्षद पर चुनाव के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी छिपाने का आरोप था। जांच में आरोप सही पाए जाने पर आयोग ने यह कार्रवाई की। आयोग ने पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया है।

नौबतपुर नगर पंचायत के मुख्य पार्षद किए गए पदमुक्त
संवाद सूत्र, नौबतपुर(पटना)। राज्य निर्वाचन आयोग के आदेश के अनुसार, नौबतपुर नगर पंचायत के मुख्य पार्षद सरयुग मोची को बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 की धारा 18(1)(m) और धारा 18(2) के तहत तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया गया है। मुख्य पार्षद पर शपथ पत्र में तथ्य छुपाने का आरोप लगाया गया है।
बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 18(1)(m) के अनुसार, यदि किसी अभ्यर्थी का जन्म 04/04/2008 के बाद हुआ है और उसकी दो से अधिक जीवित संतानें हैं, तो वह नगर निकाय में चुनाव नहीं लड़ सकता।
सरयुग मोची ने इस तथ्य को छिपाकर मुख्य पार्षद का चुनाव लड़ा था। इस संबंध में अशोक कुमार ने राज्य निर्वाचन आयोग में वाद दायर किया था, जिसमें दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए।
सुनवाई के दौरान, जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) सह जिला पदाधिकारी पटना ने पूजा कुमारी, वरीय उपसमाहर्ता सह प्रभारी पदाधिकारी विकास शाखा पटना को इस मामले में प्राधिकृत किया।
दो से अधिक संतान होने के कई साक्ष्य प्रस्तुत
वादी ने मुख्य पार्षद के दो से अधिक संतान होने के कई साक्ष्य प्रस्तुत किए, जिसमें नगर पंचायत के गठन के बाद ग्राम पंचायत निसरपुरा द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र और विद्यालय के नामांकन पंजी की प्रति शामिल थी, जिसमें सरयुग मोची की संतान की जन्म तिथि 2008 के बाद अंकित है।
कई दिनों की सुनवाई के बाद, राज्य निर्वाचन आयोग ने अपना फैसला सुनाया। आयोग ने स्पष्ट किया कि इस आदेश के साथ ही नगर पंचायत नौबतपुर के मुख्य पार्षद का पद रिक्त समझा जाएगा और नियमानुसार इस पर निर्वाचन की प्रक्रिया संपन्न की जाएगी।

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