पटना में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक, महागठबंधन में दबाव की रणनीति या शक्ति प्रदर्शन?
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने पटना में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को महागठबंधन पर दबाव बनाने की रणनीति बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का बिहार में कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। कुशवाहा ने महागठबंधन में आपसी तालमेल की कमी की बात कही और आगामी चुनावों में गठबंधन की हार की भविष्यवाणी की।

राज्य ब्यूरो,पटना। पटना में आयोजित होने जा रही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पर तंज कसते हुए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि यह बैठक असल में महागठबंधन में राजनीतिक दबाव बनाने और अधिक से अधिक सीटों पर दावा ठोकने की एक सोची-समझी रणनीति मात्र है। उन्होंने कहा कि अब यह कोई छिपी हुई बात नहीं कि महागठबंधन के घटक दलों के बीच एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ मची है।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में कांग्रेस पार्टी का न तो कोई राजनीतिक अस्तित्व है और न ही भविष्य में इसकी कोई संभावना दिखाई देती है। ऐसे में पटना में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आएगा। इस बैठक के बहाने कांग्रेस पार्टी केवल राजद को राजनीतिक हैसियत दिखाना चाहती है।
आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की राजनीतिक दुर्गति तय है। विपक्षी गठबंधन के घटक दलों में न तो आपसी समन्वय है और न ही सामंजस्य। ऐसे अस्थिर और अविश्वसनीय गठबंधन पर बिहार की जनता कभी भरोसा नहीं जताने वाली है।
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