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    बिहार के वाणिज्यकर मंत्री का इशारा- लगाए जाएंगे कुछ नए टैक्स, जेब होगी ढीली

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Wed, 25 Nov 2015 07:53 AM (IST)

    वाणिज्य कर मंत्री विजेंद्र यादव ने मंगलवार को विधिवत कार्यभार संभाल लिया। वाणिज्यकर मंत्री ने कुछ नए टैक्स लगाए जाने के भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि विभाग 'पे फार प्लेजर' की बात पर अमल करते हुए विलासिता की कुछ वस्तुओं पर अतिरिक्त टैक्स लगा सकता है।

    पटना। वाणिज्य कर मंत्री विजेंद्र यादव ने मंगलवार को विधिवत कार्यभार संभाल लिया। वह ऊर्जा विभाग के भी मंत्री हैं। उन्होंने ने कहा कि वाणिज्यकर विभाग सर्वाधिक राजस्व देने वाला विभाग है।

    सरकार की प्रतिवर्ष आय में इसकी हिस्सेदारी 14-15 हजार करोड़ की है। विभाग की प्राथमिकताओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कर चोरी पर लगाम लगाने के साथ साथ कर के दायरे को और विस्तारित करने पर जोर दिया जाएगा।

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    वाणिज्यकर मंत्री ने कुछ नए टैक्स लगाए जाने के भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि इन करों का गरीबों से कोई लेना-देना नहीं होगा। विभाग 'पे फार प्लेजरÓ की बात पर अमल करते हुए विलासिता की कुछ वस्तुओं पर अतिरिक्त टैक्स लगा सकता है।

    नए बजट में यह प्रावधान किया जा सकता है। उन्होने साफ किया कि गरीबों के उपभोग, जीवन के लिए आवश्यक किसी भी वस्तु आदि को नये कर के दायरे में नहीं लाया जाएगा। यादव ने कहा कि भ्रष्टाचार और कर चोरी को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    व्यवसायियों की सहूलियत के लिए कर भुगतान प्रणाली को और सरल व सहज बनाने की दिशा में भी प्रयास किया जा रहा है। जोर इस बात पर है कि व्यवसायियों को कर भुगतान करने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।

    जीएसटी बिल की चर्चा करते हुए यादव ने कहा कि संसद में राज्य सरकार इसका विरोध करेगी। इसके कुछ प्रावधानों पर राज्य सरकार को आपत्ति है। इस बिल के प्रावधानों से मूल रूप से महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु जैसे उत्पादक राज्यों को फायदा होना है। बिहार मूल रूप से उपभोक्ता राज्य है।

    यह स्पष्ट होना चाहिए कि उत्पादक राज्यों पर जीएसटी के तहत लगने वाला एक प्रतिशत का अतिरिक्त कर राज्य देगा या उपभोक्ता। इसके अलावा शिकायतों के निवारण के मामले में भी जीएसटी में कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है। इन दोनों आपत्तियों को दूर किया जाना चाहिए।

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