कड़ाके की ठंड के बीच Cold Wave का खतरा, शीतघात से बचने के लिए इन बातों का रखें ख्याल
पटना में कड़ाके की ठंड के बीच कोल्ड वेव का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में लोगों को शीतघात से बचने के लिए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ...और पढ़ें
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ठंड में पटना की सड़कों में टहलते लोग। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में कड़ाके की ठंड पर पड़ रही है, शीतघात का खतरा बढ़ गया है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिन को लेकर चेतावनी जारी की है। ऐसे में अपनी हेल्थ का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इस स्टोरी में हम शीतघात के पहले और इसका अटैक हो जाने पर कैसे खुद का ध्यान रखने उसके बारे में बता रहे हैं।
शीतघात से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान का ध्यान रखें ताकि आगामी दिनों में शीत लहर की आशंका है या नहीं, इसका पता चल सके।
- सर्दियों के लिए पर्याप्त कपड़ों का संग्रह रखें। कई परतों में पहने कपड़े शरीर को गर्म रखने में ज्यादा उपयोगी हैं।
- आपातकालीन आपूर्ति जैसे भोजन, पानी, ईंधन, बैटरी, चार्जर, आपातकालीन प्रकाश और सामान्य दवाएं तैयार रखें।
- घर में ठंडी हवा का प्रवेश रोकने के लिए दरवाजों व खिड़कियों को ठीक से बंद रखें।
- फ्लू, नाक बहना, भरी नाक या नाक बंद जैसे रोग की आशंका ठंड में लंबे समय तक रहने से बढ़ जाती है।
- ऐसे लक्षणों से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरतें तथा स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों या डॉक्टर से परामर्श लें।
शीतघात के दौरान इन बातों का ध्यान रखें
- जितना हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा, बारिश के संपर्क में आने से बचने के लिए यात्रा न करें।
- एक परत वाले कपड़े की जगह ढीली फिटिंग वाले परतदार हल्के कपड़े पहनें (हवा-रोधी सूती कपड़े बाहर व ऊनी गर्म कपड़े अंदर)। तंग कपड़े खून के बहाव को रोकते हैं, इनसे बचें।
- खुद को सूखा रखें। शरीर की गर्माहट बनाए रखने के लिए सिर, गर्दन, हाथ व पैर की अंगुलियां ढकें। गीले कपड़े तुरंत बदलें।
- बिना अंगुली वाले दस्ताने पहनें ताकि अंगुलियों की गर्माहट बनी रहे। फेफड़ों को बचाने के लिए मुंह-नाक ढंक कर रखें।
- शरीर की गर्मी बचाने के लिए टोपी/हैट, मफलर व जलरोधी जूतों का प्रयोग करें। सिर को ढकें क्योंकि सिर की ऊपरी सतह से शरीर की गर्मी की हानि अधिक होती है।
- स्वास्थ्यवर्धक भोजन करें, रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल व सब्जियां खाएं।
- गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पिएं, इससे ठंड से लड़ने के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी।
- तेल, पेट्रोलियम जेली या बॉडी क्रीम से नियमित रूप से त्वचा को मॉइस्चराइज करें।
- बुजुर्गों, नवजात शिशुओं व बच्चों का विशेष ध्यान रखें और अकेले रहने वाले बुजुर्गों का हालचाल पूछते रहें।
- ऊर्जा बचाएं, आवश्यकता अनुसार रूम हीटर का प्रयोग कमरे के अंदर ही करें।
- रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें।
- कमरों को गर्म करने के लिए कोयले का प्रयोग न करें। बंद कमरों में कोयला जलाना खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस जानलेवा हो सकती है।
- शीतघात में क्षतिग्रस्त हिस्सों की मालिश न करें, इससे त्वचा को और नुकसान हो सकता है।
- अचेतावस्था में किसी को कोई तरल पदार्थ न दें।
- शीतलहर के संपर्क में आने पर प्रभावित अंगों के लक्षणों (संवेदनशून्यता, सफेद या पीली हुई हाथ-पैर की अंगुलियां, कान की लौ या नाक की ऊपरी सतह) का ध्यान रखें।
- शीतलहर के अत्यधिक प्रभाव से त्वचा पीली, सख्त एवं संवेदनशून्य हो सकती है तथा लाल फफोले पड़ सकते हैं। यह गैंगरीन हो सकता है। पहले लक्षण पर ही चिकित्सक की सलाह लें।

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