Bihar News: सर्दी-खांसी और बुखार; प्राणायाम रहेगा बड़ा असरदार, अब कोरोना और डेंगू का क्या करें?
प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ वायरल बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। डॉक्टर सुधीर कुमार ने हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में बताया कि सर्दी-खांसी होने पर घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी बरतें। बुखार होने पर घर पर ही दवा लें और पानी पीते रहें। कोरोना से बचाव के लिए भीड़-भाड़ से बचें और मास्क का इस्तेमाल करें।

जागरण संवाददाता, पटना। प्रदेश में गर्मी की धमक है। मौसम बदल रहा है। मानसून भी दस्तक देने वाला है। ऐसे में हीट स्ट्रोक के साथ-साथ वायरल बीमारियों का भी प्रकोप देखने को मिल रहा है। इन दिनों गले में खराश, दर्द, सर्दी, खांसी व बुखार के मरीज भी बढ़े हैं।
इसमें कई लोग कोरोना समझकर घबरा जाते हैं। उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन इन चीजों को नजरअंदाज करना भी आपकी परेशानी बढ़ा सकता है। इसलिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। सर्दी-खांसी, बुखार की स्थिति में डाक्टर से सलाह लेने की जरूरत है।
यदि सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं हो और केवल बुखार हो तो घर पर ही बुखार उतारने की दवा लेकर आराम करना चाहिए। इस दौरान पर्याप्त पानी पीना चाहिए। प्राणायाम भी करें। कोरोना जांच शुरू हो चुकी है, तकलीफ बढ़ने पर जांच करा सकते हैं।
रविवार को यह सलाह आपके लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो डाक्टर में इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) के मेडिसिन विभाग के वरीय प्राध्यापक प्रो. डा. सुधीर कुमार ने दी। इस दौरान काफी पाठकों के प्रश्न आएं। प्रस्तुत है पाठकों की परेशानी व समाधान।
सवाल: एक सप्ताह पहले तेज बुखार, सर्दी व खांसी हो गया था। अब केवल हल्की खांसी है, लेकिन काफी कमजोरी महसूस हो रही है क्या करें?- जयशंकर सिंह, कंकड़बाग।
जवाब: खांसी खत्म होने में 10-15 दिन लगेंगे। अब पौष्टिक भोजन पर ध्यान दें। भोजन में फल और हरी सब्जियों को भी शामिल करें। कैल्शियम और मल्टी विटामिन भी नियमित लेते रहें। फेफड़ों को मजबूत करने के लिए प्राणायाम जरूर करें।
सवाल: शुगर मरीज हूं। खाने के बाद पेट भारी जैसा लगता है? - गोपाल सिंह, आरा
जवाब: खाने के समय आपको विशेष ख्याल रखना है। खाते समय पानी बिल्कुल नहीं पीएं, खाने के एक-डेढ़ घंटे बाद ही पानी पीएं। खाने के बाद सीधे बेड पर या आराम नहीं करने जाएं। इससे आपको राहत मिलेगी।
सवाल: घर में पशु-पक्षी पालते हैं, उससे भी कोरोना का खतरा है? -उदय शंकर प्रसाद, भूतनाथ रोड
जवाब: पशु-पक्षी से कोरोना का कोई खतरा नहीं है। इससे बर्ड फ्लू होने का खतरा जरूर हो सकता है। यदि आपके पाले पक्षी एकाएक मर जाएं तो जरूर जांच कराएं। यह बर्ड फ्लू होने का खतरा जरूर दे सकता है।
सवाल: कोरोना से बचाव को लेकर क्या सावधानी रखें? -एम सिन्हा, न्यू पाटलिपुत्रा कालोनी
जवाब: कोरोना से बचाव को लेकर सबसे जरूरी यह है कि यथासंभव भीड़-भाड़ वाले इलाके में ना जाएं। यदि जाने की मजबूरी हो तो मास्क का उपयोग करें। यदि सर्दी-खांसी व बुखार वाले लोगों से मिलते है तो थोड़ा परहेज करते हुए मास्क का उपयोग करें। नियमित रूप से व्यायाम करें। अपना इम्यून मजबूत रखें।
सवाल: तेज बुखार हो तो क्या करें? - पल्लवी सिन्हा, बिहटा
जवाब: यदि बुखार के साथ कोई अन्य परेशानी नहीं हो तो यह वायरल का लक्षण हो सकता है। ऐसे समय में आप कोल्ड स्पांजिंग करें। इसमें शरीर के खुले क्षेत्र जैसे सिर, हाथ, पैर, पेट, चेहरा, हथेली बांह आदि की कोल्ड स्पांजिंग करें। हर दो-तीन मिनट तक ऐसा करते हुए यदि आधे घंटे में बुखार कम नहीं हो तो बुखार की दवा दें। क्योंकि हीट स्ट्रोक में अमूमन ऐसा करने पर बुखार अपनेआप ठीक हो जाता है।
सवाल: आइजीआइएमएस में वरीय नागरिकों के लिए कोई विशेष व्यवस्था है?- श्यामनारायण तिवारी
जवाब: अभी ऐसी कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। पंजीयन वगैरह के लिए विशेष काउंटर जरूर बनाए गए हैं। आपके इस प्रश्न से निदेशक महोदय को अवगत कराया जाएगा। वरीय नागरिकों के लिए विशेष व्यवस्था को लेकर बात चल रही है।
कोरोना के बाद अब डेंगू के भी आने लगे केस
डा. सुधीर कुमार ने बताया कि कोरोना के साथ अब डेंगू के भी केस आने लगे हैं। इसलिए विशेष सतर्कता अहम हो जाती है। खासकर डेंगू से बचने के लिए अपने घर व आसपास पूरी साफ-सफाई रखें। इन जगहों पर पानी जमा नहीं होने दें।
मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें। कूलर व गमले का पानी बदल दें। सुबह व शाम पूरी बांह के कपड़े पहने। तेज बुखार, बदन दर्द, जी मिचलाना, बेहोशी, उल्टी और झटके आना गंभीर लक्षण हैं। ऐसी स्थिति में डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
वर्तमान कोरोना वैरिएंट पर नजर रखना जरूरी
डा. सुधीर ने बताया कि वर्तमान में ओपीडी में हर दिन 25-30 कोविड के लक्षण वाले मरीज आ रहे हैं। बिहार में एक्टिव केस कम है। कोविड वेरिएंट ओमीक्रोन का सब वैरिएंट है। यह एनबीडाट वन डाट एट डाट वन है, यह पूरे देश में है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार इसे अंडर मानिटरिंग रखा गया है। यह तुरंत दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है। इसका सिम्प्टम माइल्ड टू माडरेट है। यह जानलेवा कम है, लेकिन बचाव ही इसका उपाय है।
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