CM नीतीश कुमार ने महिलाओं के खाते में भेजी राशि, बताया- जिन्हें नहीं मिले पैसे, उन्हें कबतक मिलेगा?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की महिलाओं के खातों में धनराशि हस्तांतरित की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किन महिलाओं को अभी तक भुगतान नहीं मिला है और उन्हें कब तक यह राशि प्राप्त हो जाएगी। सरकार इस योजना के प्रति पूरी तरह से समर्पित है और सभी पात्र महिलाओं को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।

महिलाओं के खाते में राशि हस्तांतरित करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, साथ में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, मंत्री विजय चौधरी व श्रवण कुमार। सौ-आइपीआरडी
राज्य ब्यूरो, पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित संकल्प कक्ष से मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की लाभुक 10 लाख महिलाओं के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से एक हजार करोड़ रुपए अंतरित किए।
सभी महिलाओं के बैंक खाते में 10-10 हजार रुपए भेजे गए। इस योजना के तहत अब तक 1.56 करोड़ महिलाओं के बैंक खाते में 10 हजार रुपए के हिसाब से 15 हजार, 600 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की गयी है।
सभी जिले की जीविका समूह की दीदियां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़ीं थीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी लोगों के विकास के लिए वह लगातार काम करते रहे हैं, आगे भी करते रहेंगे।
भारी बहुमत से एनडीए को दी जीत
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला लाभार्थियों का वह हार्दिक अभिनंदन करते हैं। इस बार बिहार के लोगों ने विधान सभा चुनाव में भारी बहुमत से एनडीए को जीत दी है।
वह इसके लिए आप सभी महिलाओं के साथ-साथ बिहार के सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हैं। । आज ''महिला रोजगार योजना'' के तहत अपनी पसंद का रोजगार करने के लिए 10 लाख महिलाओं को 10-10 हजार रुपये की सहायता राशि भेजी जा रही है।
पहले 1 करोड़ 46 लाख महिलाओं को यह सहायता राशि दी जा चुकी है। आज 10 लाख महिलाओं को यह सहायता दी जा रही है। कुल मिलाकर 1 करोड़ 56 लाख महिलाओं को इसका फायदा मिल जायेगा।
इस योजना में दी गयी सहायता से काफी संख्या में महिलाओं ने अपनी पसंद का रोजगार शुरू किया है। जो महिलाएं अपना रोजगार अच्छे से करेंगी, उन्हें आगे दो लाख रुपये तक की सहायता दी जायेगी।
सभी परिवारों की महिलाओं को होगा फायदा
अब इसके बाद जो परिवार बचे हैं, उनको भी अगले महीने तक सहायता राशि दे दी जायेगी। इससे राज्य के सभी परिवारों की महिलाओं को काफी फायदा होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने शुरू से ही महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया है। वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं एवं वर्ष 2007 में नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण से शुरूआत की गयी।
वर्ष 2013 से पुलिस की बहाली में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। वर्ष 2016 से महिलाओं को सभी सरकारी नौकरियों में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या बहुत कम थी।
वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर राज्य में स्वयं सहायता समूह का गठन किया जिसे ''जीविका'' नाम दिया। अब स्वयं सहायता समूह में ''जीविका दीदियों'' की संख्या 1 करोड़ 40 लाख हो गयी है।
वर्ष 2024 से शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूह का गठन हो रहा है जिसमें लगभग 4 लाख 34 हजार जीविका दीदियां हैं। गठन लगातार जारी है।
उन्हें विश्वास है कि आप सभी महिलाओं को इस 10 हजार रुपये की राशि से अपना काम शुरू करने में काफी मदद मिलेगी। इससे आपका परिवार खुशहाल होगा तथा बिहार का और तेजी से विकास होगा।
कार्यक्रम के दौरान ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को हरित पौधा भेंटकर स्वागत किया। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी व ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार भी इस मौके पर मौजूद थे।

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