'शंकर शिव पिनाक धरे गंगाधर वामदेव ईश्वर डमरूधर'
बिहार ¨हदी साहित्य सम्मेलन में प्रख्यात धु्रपद गायक पंडित नरहरि पाठक मल्लिक की पुण्य स्मृति पर कार्यक्रम। ...और पढ़ें

- बिहार ¨हदी साहित्य सम्मेलन में प्रख्यात धु्रपद गायक पंडित नरहरि पाठक मल्लिक की पुण्य स्मृति पर सुर संध्या का आयोजन
जागरण संवाददाता, पटना - तान की तैयारी, राग एवं अलाप की मधुरता से भरी बांसुरी का वादन और ध्रुपद गायन की प्रस्तुतियां देखने लायक थीं। दिल्ली से आए मशहूर बांसुरी वादक पंडित चेतन जोशी ओर दरभंगा घराने के धु्रपद गायक पंडित जगत नारायण पाठक के धु्रपद गायन कार्यक्रम में चार-चांद लगा रहे थे। सुरों की बारिश में परिसर में बैठे लोग खूब गोते लगाए।
कुछ ऐसा ही नजारा बिहार ¨हदी साहित्य सम्मेलन परिसर में देखने को मिला। मौका था पंडित क्षितिपाल हरि नरसिंह संगीत धु्रपद शोध संस्थान की ओर से विख्यात धु्रपद गायक पंडित नरहरि पाठक मल्लिक की 27वीं पुण्य स्मृति में संगीत संध्या के आयोजन का। कला संस्कृति एवं युवा विभाग के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत के जाने-माने चेहरे मौजूद थे।
दुर्गा स्तुति से हुआ कार्यक्रम का आगाज - संगीत संध्या के मौके पर गया घराने के वरिष्ठ पखावज वादक आशुतोष उपाध्याय ने दुर्गा स्तुति गीत पर एकल वादन कर दर्शकों का दिल जीता। कार्यक्रम के दौरान उपाध्याय ने चार ताल बारह मात्रा में परन, टुकड़े तिहाई एवं लेकरियों को पेश कर दर्शकों की तालियां बटोरी।
राग खमाज से गुलजार होता रहा परिसर - स्वर संध्या के मौके पर दिल्ली से आए मशहूर बांसुरी वादक पंडित चेतन जोशी ने गोरख कल्याण में अलाप, जोड़, झाला के साथ रूपक ताल एवं तीन ताल में दो बंदिश कर अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों का दिल जीता। लोगों की तालियों के संग जोशी ने राग खमाज में गीत को पेश कर दर्शकों में जोश भर दिया। जोशी ने दर्शकों को आनंदित करने के लिए साढ़े तीन मात्रा में अनोखी वादन शैली को पेश कर दर्शकों का अभिनंदन स्वीकार किया। संगत कलाकारों में उनके साथ संगत बांसुरी पर उनके शिष्य लक्ष्मी नारायण और तबले पर डॉ. श्याम मोहन ने उम्दा प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीता।
ध्रपद गायन के संग पखावज की प्रस्तुति ने सबका जीता दिल - जैसे-जैसे कार्यक्रम समापन की ओर बढ़ रहा था लोगों की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी। शहर के मशहूर धु्रपद गायक पंडित जगत नारायण पाठक मल्लिक ने ध्रुपद गायन में बंदिश रचना में 'ये जू नाद दरियाव ता में तन जहाज' बैजू बाबरा रचित सुर को पेश कर दर्शकों को शुद्ध धु्रपद गायन शैली का एहसास कराया। पाठक ने वंदिश में ही भगवान शिव की स्तुति 'शंकर शिव पिनाक धरे गंगाधर वामदेव ईश्वर डमरूधर' गीत को पेश कर दर्शकों का मन मोह लिया। सुरों को जीवंत करने में संगत कलाकारों में पखावज पर आशुतोष पाठक, हारमोनियम पर विनोद पाठक ने उम्दा प्रदर्शन कर सभी का दिल जीता। ध्रपद गायन के साथ पखावज की प्रस्तुति देखने लायक थी। राजशेखर एवं डॉ. श्याम मोहन उर्फ अशोक सिंह ने तबले की उम्दा प्रस्तुति से दिल जीता। मंच का संचालन डीडी बिहार की रूपम त्रिविक्रम ने किया। मौके पर शहर के कई बुद्धिजीवी मौजूद थे।

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