चिराग पासवान ने साधा जदयू पर निशाना, कहा- दो सांसदों की पार्टी को 17 सीटें, हमारे पास तो पांच हैं
एनडीए में लोजपा (रा) को मिलने वाली सीटों पर संशय बरकरार है। लोजपा (रा) के अरुण भारती ने जदयू पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी पार्टी को कम सीटें देना गलत होगा। उन्होंने 2019 और 2024 के चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि अतीत में कम सांसद होने पर भी उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें मिली थीं।

राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा चुनाव के दिन करीब आने के बावजूद एनडीए में लोजपा (रा) को मिलने वाली सीटों पर संशय बना हुआ है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान एवं दूसरे नेताओं की ओर से किए जाने वाले दावे पर एनडीए की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हां, बीच-बीच में लोजपा अपने गठबंधन के घटक दलों से जरूर उलझ जा रही है। पार्टी के प्रधान महासचिव और सांसद अरुण भारती ने शुक्रवार को जदयू को लेकर सीधी टिप्पणी की।
उन्होंने फेसबुक पर लिखा कि मीडिया के कई साथी जब यह चर्चा करते हैं कि लोजपा (रा), जिसके आज बिहार विधानसभा में एक भी विधायक नहीं है, को आने वाले चुनाव में सम्मानजनक सीटें नहीं मिलेंगी, तो यह धारणा बड़ी सतही और अधूरी प्रतीत होती है। असलियत यह है कि कुछ लोग लोजपा (रा) को केवल सीमित सीटों तक बांधकर देखना चाहते हैं, मानो उसकी असली ताक़त और जनता में उसकी पकड़ को नज़र अंदाज़ किया जा सकता हो।
उन्होंने लिखा-लेकिन बिहार की राजनीति और एनडीए का इतिहास बार-बार इसके बिल्कुल उलट गवाही देता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सिर्फ़ दो सांसद की पार्टी को लोकसभा चुनाव में 17 सीटें मिल सकती हैं, 2024 के लोकसभा चुनाव में जब केवल एक सांसद वाली पार्टी को पांच सीटें दी जा सकती हैं और वह पांंचों सीटों पर जीत दर्ज करके गठबंधन के भरोसे को और मजबूत कर सकती है, तब यह तर्क ही बेमानी हो जाता है कि लोजपा (रा) को विधानसभा चुनाव में सीमित हिस्सेदारी दी जानी चाहिए।
मालूम हो कि 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू की केवल दो सीटों पर जीत हुई थी। लेकिन, 2019 में जब वह एनडीए में शामिल हुआ तो उसे लड़ने के लिए 17 सीटें दी गई थीं। इसी तरह 2024 में लोजपा (रा) के सिर्फ एक सांसद चिराग पासवान थे। इस पार्टी को पांच सीटें दी गई थीं।
भारती ने लिखा कि लोजपा (रा) की जमीनी पकड़, संगठन की मजबूती और जनता का बढ़ता हुआ विश्वास इस बात को साबित करता है कि पार्टी को सीमित सीटों तक बांधकर देखना न केवल गलत है, बल्कि यह जनता के भरोसे का भी अपमान है। पार्टी का विस्तार, कार्यकर्ताओं का उत्साह और जनता का अटूट विश्वास यह सुनिश्चित करता है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में हमारी पार्टी निर्णायक भूमिका निभाएगी। गठबंधन के भीतर उसे उसका योग्य और सम्मानजनक स्थान अवश्य मिलेगा।

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