Chirag news: चिराग के हमले पर भाजपा की चुप्पी, जदयू के लिए बनी अबूझ पहेली
2005 में यही विषय उनके सत्ता में आने का मुख्य कारण भी बना था। लेकिन चिराग इन दिनों न सिर्फ कानून-व्यवस्था की स्थिति को बहुत खराब बता रहे हैं बल्कि अपराध को बेलगाम तक कह रहे हैं। जहां तक एनडीए के घटक दलों का प्रश्न है तो भाजपा ने इस मुद्दे पर एक तरह से चुप्पी साध ली है।

राज्य ब्यूरो, जागरण पटना। केंद्रीय मंत्री और लोजपा (रा) के अध्यक्ष चिराग पासवान का राज्य सरकार पर लगातार हमला और उस पर एनडीए के सबसे बड़े घटक दल भाजपा की चुप्पी जदयू के लिए अबूझ पहेली बनती जा रही है। उन्होंने उस कानून-व्यवस्था की आलोचला शुरू कर दी है, जिसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हमेशा अपनी प्राथमिकता सूची में पहले नंबर पर रखा है।
2005 में यही विषय उनके सत्ता में आने का मुख्य कारण भी बना था। लेकिन, चिराग इन दिनों न सिर्फ कानून-व्यवस्था की स्थिति को बहुत खराब बता रहे हैं, बल्कि अपराध को बेलगाम तक कह रहे हैं। जहां तक एनडीए के घटक दलों का प्रश्न है तो भाजपा ने इस मुद्दे पर एक तरह से चुप्पी साध ली है। भाजपा के प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल से पूछा गया तो उनका उत्तर था, बिहार में कानून का राज है और रहेगा। इस मामले में सरकार जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही है। लेकिन, भाजपा कोटे के एक कैबिनेट मंत्री से चिराग की कानून-व्यवस्था से जुड़ी टिप्पणी के बारे में पूछा गया दो उन्होंने दोनों हाथ जोड़ लिए।
कानून-व्यवस्था को लेकर चिराग से मिलते-जुलते आरोप महागठबंधन की ओर से भी लगाए जाते हैं। ऐसे मामलों पर भाजपा के बड़े-बड़े नेता मोर्चा खोलकर बैठ जाते हैं।तुरंत राजद शासनकाल की याद दिलाई जाती है। अपराध के आंकड़ों के साथ यह भी बता दिया जाता है कि वह जंगलराज का दौर था। यह भी कि एनडीए के शासन में अपराध पर पूरी तरह नियंत्रण है। मगर, चिराग जब सरकार पर आरोप लगाते हैं तो भाजपा के बड़े नेता उसी अंदाज में बचाव नहीं कर पाते।
भाजपा से अलग हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा नीतीश कुमार के पक्ष में खड़ा हो जाता है। इसके संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी कहते हैं कि विधानसभा सीटों के लिए दबाव बनाने के लिए चिराग को यह सब नहीं करना चाहिए। चिराग ने 2020 में भी ऐसा ही किया था।
राष्ट्रीय लोक माेर्चा के अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा भी चिराग के रूख का समर्थन नहीं करते हैं। हालांकि वह भी मानते हैं कि अपराध की घटनाएं इधर बढ़ी हैं। लगे हाथ वे पुलिस की तत्परता की सराहना करते हुए चिराग को सलाह भी देते हैं कि वे उचित मंच पर अपनी बात कहें।
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