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    सख्त की जाएगी बालिका व बाल गृह की सुरक्षा व्यवस्था, तैनात होंगे 6-6 होमगार्ड 

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 08:04 AM (IST)

    पटना में, डीएम की अध्यक्षता में बाल देखरेख संस्थानों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाई गई त्रुटियों को दूर करने और किशोर न्याय अधिनियम 2015 का पा ...और पढ़ें

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    सख्त की जाएगी बालिका व बाल गृह की सुरक्षा व्यवस्था

    जागरण संवाददाता, पटना। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता वाली जिला निरीक्षण समिति ने बुधवार को जिले के चार बाल देखरेख संस्थानों बाल गृह (अपना घर), बालिका गृह (आशा किरण), अरूणोदय विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान व सजनी विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का निरीक्षण किया। 

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    कुछ संस्थानों में कई त्रुटियां चिन्हित की गई और उनके अधीक्षकों-समन्वयकों को उनके त्वरित निराकरण का निर्देश देते हुए किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के प्रविधानों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने काे कहा गया। 

    निरीक्षण में शामिल सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बच्चों की मेडिकल फाइलों की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने बालिका गृह आशा किरण व बाल ग़ृह अपना घर की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय लिया। उन्होंने तत्काल यहां छह-छह होमगार्ड तैनात करने का आदेश दिया।

    हर तीन माह में होती है जांच

    बताते चलें कि अनाथ, कानूनी मामलों में विचाराधीन, लावारिस व भटके बच्चों, बच्चियों को संरक्षण देने के लिए इन गृहों का संचालन किया जाता है। हर तीन माह में डीएम की अध्यक्षता वाली निरीक्षण समिति किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 54 व बिहार किशोर न्याय नियमावली 2017 के नियम 41(8) के अंतर्गत जांच करती है। 

    निरीक्षण टीम में डीएसपी मुख्यालय सह विशेष किशोर पुलिस इकाई के नोडल पदाधिकारी रणविजय कुमार, समग्र शिक्षा अभियान के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी विकास कुमार, प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर की सुनीता कुमारी, बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष उषा कुमारी, सदस्य सत्येंद्र कुमार ओझा, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी लिलेश कुमार सिंह, बाल संरक्षण के उप निदेशक शैलेंद्र चौधरी, सिविल सर्जन डा. अविनाश कुमार सिंह आदि शामिल थे। 

    बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए काम

    टीम ने गत त्रैमासिक निरीक्षण में दिए निर्देशों के अनुपालन से हुए सुधारों में संतोष जताया। जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक शैलेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि इन गृहों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा देने के साथ उनके बेहतर भविष्य के लिए कार्य किया जा रहा है। 

    व्यक्तिगत देखभाल योजना का सही क्रियान्वयन आवश्यक है। व्यवस्था में किसी प्रकार का समझौता नहीं हो इसके लिए लापरवाह कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाती है।