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    Chhath Puja: छठ महापर्व के लिए चुनौती बना गंगा का पानी, तैयारी करने में प्रशासन के छूट रहे पसीने

    Updated: Wed, 08 Oct 2025 02:16 PM (IST)

    पटना में छठ पूजा की तैयारियां नगर निगम द्वारा तेजी से की जा रही हैं। गंगा के बढ़े जलस्तर के कारण कई घाटों पर पानी भरा है जिससे समस्या हो रही है। निगम वैकल्पिक घाटों की तलाश कर रहा है और फिसलन रोकने के लिए बालू डालने प्रकाश व्यवस्था करने और अस्थायी शौचालय बनाने की योजना है। गंगा किनारे रहने वाले लोगों को जलभराव से परेशानी हो रही है।

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    छठ महापर्व की तैयारी में जुटा पटना नगर निगम

    जागरण संवाददाता, पटना। लोक आस्था का महापर्व छठ करीब है। इसको देखते हुए नगर निगम ने तैयारियों की रफ्तार तेज कर दी है। घाटों की सफाई, रोशनी, रास्तों की मरम्मत और सुरक्षा इंतजामों को लेकर निगम के सभी सर्किलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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    अधिकारियों ने निरीक्षण भी शुरू कर दिया है, लेकिन इस बार की सबसे बड़ी चुनौती गंगा का बढ़ा जलस्तर बन गया है। कई पारंपरिक छठ घाटों पर अब भी पानी भरा है, जिससे घाट तैयार करना मुश्किल हो रहा है। हालांकि, पानी ज्यादा रहने का फायदा भी है। व्रतियों को गंगा तक पहुंचने के लिए ज्यादा दूरी नहीं तय करनी पड़ेगी।

    नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष गंगा का जलस्तर सामान्य से ऊपर है। परिणामस्वरूप, निचले इलाकों के कई घाट जैसे, दीघा, कुर्जी, बांसघाट, और कलेक्ट्रेट घाट पर ज्यादा पानी है। ऐसे में निगम वैकल्पिक घाट तैयार करने पर भी विचार कर रहा है।

    जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के साथ संयुक्त निरीक्षण कर सुरक्षित स्थलों की पहचान की जा रही है। नगर आयुक्त यशपाल मीणा ने बताया कि छठ घाटों पर फिसलन रोकने के लिए बालू की परत डाली जाएगी। रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है।

    इसके अलावा, जल निकासी की विशेष टीमों को सक्रिय किया गया है ताकि वर्षा या नदी के पानी के कारण कोई परेशानी न हो। सफाई कर्मियों की अतिरिक्त ड्यूटी लगाई गई है और घाटों के आसपास अस्थायी शौचालय भी बनाए जा रहे हैं।

    गंगा तट से सटे इलाकों में जलभराव के कारण स्थानीय निवासियों को भी कठिनाई झेलनी पड़ रही है। कई परिवारों ने बताया कि वे हर साल जिस घाट पर अर्घ्य देते हैं, वहां अब नाव से ही पहुंचा जा सकता है।

    इस बीच, बिजली विभाग ने भी घाटों को रोशन करने की तैयारी शुरू कर दी है। भले ही गंगा का पानी अभी चुनौती बना हुआ है, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं है। निगम प्रशासन का दावा है कि तय समय पर सभी प्रमुख घाट श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार हो जाएंगे।

    इधर प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर के निर्देश पर कार्यपालक अधिकारी एवं अभियंता घाटों का जायजा ले रहे हैं। कुल 91 गंगा घाटों और 62 तालाबों में अर्घ्य की व्यवस्था की जा रही है।

    गंगा के जलस्तर को देखते हुए घाटों पर सुरक्षा घेराबंदी, चेतावनी बोर्ड और रेलिंग के निर्माण को ससमय पूरा करने का निर्देश दिया गया है। प्रमंडलीय आयुक्त ने घाट निर्माण के साथ सभी घाटों पर रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।